पटना : शिक्षा विभाग बजट सत्र में समान सेवा शर्तें और वेतन वृद्धि के फाॅर्मूले पर तेजी से विचार कर रहा है. इस संबंध में विभाग का कोई भी अफसर बोलने को तैयार नहीं है. हालांकि, यह बात तय है कि शिक्षकों से बिना संवाद किये शिक्षा विभाग शिक्षकों को राहत देने की कुछ एकतरफा और औपचारिक घोषणा कर सकता है.
इस मामले में सरकारी सूत्रों का दो टूक कहना है कि विभाग वेतन वृद्धि के मुद्दे पर शिक्षक संगठनों से बातचीत के लिए कोई पहल करने नहीं जा रहा है. दरअसल यह पूरा मामला सरकार के टॉप लेवल पर है. सरकार के शीर्ष स्तर पर शिक्षकों की हड़ताल को लेकर चर्चा करने के मुद्दे पर अभी कोई बात नहीं है. हालांकि, ऐसे कयास लगाये जा रहे थे कि होली पर दोनों पक्ष की एक ग्रास रूट की चर्चा हो सकती है.
शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति ने होली के पहले सौंपा था ज्ञापन : होली के एक दिन पहले शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति ने ज्ञापन में सरकार से कहा था कि बच्चों के हक में वह इस मामले में विचार के लिए सरकार के साथ टेबल पर बैठने के लिए तैयार है. शिक्षा विभाग ने इस मामले में पूरी तरह चुप्पी साध ली . समन्वय समिति के अध्यक्ष प्रेमचंद ने बताया कि सरकार शिक्षक संगठनों की लगातार उपेक्षा कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमसे बिना बात किये एकतरफा हमारी अपेक्षा के अनुरूप वेतन वृद्धि और सेवा शर्त देने की घोषणा कर देती है, तो शिक्षक संगठन हड़ताल वापस ले लेंगे. उल्लेखनीय है कि शिक्षक संगठन शिक्षकों के लिए तीस साल पुराने वेतन की मांग कर रहे हैं.