भोपाल : मध्यप्रदेश कांग्रेस के विभिन्न गुटों में चल रही कथित अंदरूनी लड़ाई एवं कमलनाथ नीत प्रदेश सरकार को कथित रूप से भाजपा द्वारा अस्थिर करने के आरोपों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनके समर्थक कुछ मंत्रियों सहित 17 विधायक सोमवार को बेंगलुरु पहुंचे. इधर मुख्यमंत्री कमलनाथ अपना दिल्ली दौरा बीच में छोड़कर सोमवार शाम भोपाल लौट गये हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, भाजपा से अब रहा नहीं जा रहा है. कमलनाथ ने कहा, भाजपा के 15 वर्षों के कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने वाला है इसलिए वे हैरान हैं.
सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया बागी हो गये हैं. रविवार को वो भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ मिले थे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सिंधिया केंद्र में मंत्री पद चाहते हैं. दूसरी ओर ये भी खबर है कि भाजपा सिंधिया को राज्यसभा भेज सकती है.
सिंधिया के अलावा उनके समर्थक मध्यप्रदेश के छह मंत्री भी उनके साथ हैं और सभी के फोन बंद आ रहे हैं. जिन मंत्रियों के मोबाइल फोन बंद हैं, उनमें लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसी सिलावट, श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं. मध्यप्रदेश की सियासत में पिछले एक सप्ताह से चल रही उठापटक में अब भूचाल आ गया है.
मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के आरोपों के बाद राज्य में चल रही सियासी घटनाक्रम के बीच पिछले दिनों कांग्रेस, बसपा, सपा एवं निर्दलीय मिलाकर 10 विधायक गायब थे, हालांकि बाद में सभी विधायक भोपाल लौट गये थे. गायब होने के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने प्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिराने के लिए 10 विधायकों का अपहरण कर लिया है.
इधर मध्य प्रदेश के हालिया राजनीति घटनाक्रम और राज्यसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा कि सभी मुद्दों पर चर्चा हुई.
सूत्रों का कहना है कि करीब 20 मिनट तक चली सोनिया और कमलनाथ की मुलाकात के दौरान राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के संदर्भ में मुख्य रूप से चर्चा हुई. इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अंबिका सोनी ने भी सोनिया से मुलाकात की.
मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो खाली हैं. वर्तमान में प्रदेश में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 भाजपा, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी एवं एक समाजवादी पार्टी का विधायक शामिल हैं. कांग्रेस सरकार को इन चारों निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ बसपा और सपा का समर्थन है.