MP Political Crisis: मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के 17 विधायकों के बागी तेवर अपना लेने के बाद सूबे की सियासत में हड़कंप मच गया है. इस घटनाक्रम के बीच सोमवार देर शाम सीएम कमलनाथ ने सभी 20 मंत्रियों के इस्तीफे ले लिये और नयी कैबिनेट का गठन करने का फैसला किया है. मंगलवार शाम 5 बजे यानी आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी बुलायी गयी है. प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में मौजूद करीब 20 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रति आस्था जताते हुए सोमवार देर रात को अपना इस्तीफा सौंप दिया. आपको बता दें कि मध्यप्रदेश की मंत्रिमंडल में कुल 28 मंत्री हैं. बताया जा रहा है कि करीब आठ मंत्री सिंधिया के समर्थक हैं जो इस बैठक से नदारद थे.
कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के 17 विधायक यदि सरकार का साथ छोड़ देते हैं तो मध्यप्रदेश में कांग्रेस के पास 97 विधायक रह जाएंगे. ऐसे में 4 निर्दलीय, 2 बीएसपी और एक सपा विधायक के समर्थन के बाद भी उसके पास मात्र 104 विधायक ही बचेंगे. वहीं, यदि भाजपा की बात करें तो उनके पास विधायकों की संख्या 107 हो जाएगी. ऐसे में भाजपा सूबे में सरकार बनाती नजर आ रही है.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सिंधिया भाजपा का दामन थाम सकते हैं. ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि सिंधिया भाजपा में शामिल होकर केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किये जा सकते हैं और वे राज्यसभा भी जा सकते हैं. यही नहीं , भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने तो यहां दावा कर दिया था कि सिंधिया सोमवार को ही भाजपा में शमिल होंगे और उनके पार्टी में शामिल होने के कार्यक्रम में अमित शाह भी मौजूद रहेंगे हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ.
मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो खाली हैं. इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 भाजपा, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी एवं एक समाजवादी पार्टी का विधायक शामिल हैं. कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को इन चारों निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ बसपा और सपा का समर्थन है.