कोरोना वायरस और बारिश का असर होली बाजार पर साफ दिख रहा है. होली में मुख्य रूप से बिकने वाले रंग, गुलाल, पिचकारी और मुखाैटा आदि की बिक्री घट कर आधी हो गयी है. थोक और खुदरा विक्रेताओं में मायूसी छायी है. सोमवार को मौसम ठीक रहा, तो बिक्री कुछ ठीक रहने की उम्मीद है.
होली में मेड इन चाइनीज से लेकर देसी आइटम उपलब्ध हैं. पिचकारी, रंग, गुलाल, रंग-बिरंगे नकली बाल, मास्क, विग, टी-शर्ट उपलब्ध हैं. पिचकारी में शूटर गन, बकेट गन, पाइप वाला पिचकारी से लेकर छोटे-छोटे पिचकारी उपलब्ध हैं. पिचकारी 10 से 500 रुपये में उपलब्ध है. मास्क पांच से 80 रुपये में बिक रहा है. बाजार में वाटर बैलून, कलर स्मोक और कैप्सूल कलर काफी खास है. पटाखा की तरह माचिस से जलाने पर गुलाल निकलता है. यह 50 रुपये से 200 रुपये प्रति बॉक्स उपलब्ध है. हवा में गुलाल उड़ता है.
बाजार में ऑर्गेनिक गुलाल की डिमांड है. गुलाल पांच से 50 रुपये के पैकेट में उपलब्ध है. रंग और गुलाल हाथरस, पटना, भागलपुर आदि जगहों से मंगाये गये हैं. 100 प्रतिशत आरारोट और टेलकम पाउडर से बना गुलाल भी है. चंदामामा गुलाल के सेल्स मैनेजर संजीव अग्रवाल ने कहा कि रांची के बाजार मेेें सभी ब्रांडेड और नन ब्रांडेड की बिक्री में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आयी है. गुलाल 100 प्रतिशत हर्बल और 100 प्रतिशत स्किन फ्रेंडली है.
बच्चों को पानी वाली होली से दूर रखें.
सूखी होली खेलें, क्योंकि इससे संक्रमण से बचा जा सकता है.
कोरोनावायरस ज्यादा दूरी तक नहीं जा सकता है, इसलिए दूर बनाकर होली खेलें.
भीड़ वाली जगह पर जाने से बचें.
सामान्य फ्लू के लक्षण होने पर भी सर्तक रहें, नजरअंदाज घातक हो सकता है.
घर पर ही एक-दूसरे के साथ होली खेलें.
बाहर निकल कर होली खेलना चाहते हैं, ताे मास्क का उपयोग करें. सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें.
बाजार की बनी मिठाई को खाने से परहेज करें, घर की मिठाई का उपयोग करें.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.