नयी दिल्ली : आरबीआइ द्वारा निकासी सीमा 50 हजार रुपये तय किये जाने के परेशान यस बैंक खाताधारकों को बड़ी राहत दी गयी है. बैंक ने अपने ग्राहकों को किसी भी बैंक के एटीएम से पैसे निकालने की अनुमति फिर से दे दी है. वित्तीय संकट से जूझ रहे इस निजी बैंक ने इससे पहले यह सुविधा अपने खाताधारकों से वापस ले ली थी. बैंक ने देर रात ट्वीट कर अपने ग्राहकों को सूचित किया कि वे अब अपने डेबिट कार्ड के जरिये पूर्व तरह किसी भी एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं. यह ट्वीट उन हजारों यस बैंक ग्राहकों के लिए राहत लेकर आया है, जो महीने में 50 हजार रुपये प्रति माह निकलने के फैसले के बाद रोजाना बैंक के बाहर लाइनों में लग रहे थे.
महानगरपालिकाओं को भी झटका : पुणे जिले की पिंपरी चिंचवड़ महानगरपालिका के करीब 920 करोड़ रुपये यस बैंक में जमा होने की जानकारी सामने आयी है. वहीं, नासिक महानगरपालिका के भी 310 करोड़ रुपये और स्मार्ट सिटी के 15 करोड़ रुपये यस बैंक में जमा हैं.
राणा कपूर गिरफ्तार, 11 मार्च तक हिरासत में
उधर, यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने 20 घंटे पूछताछ के बाद रविवार तड़के गिरफ्तार कर लिया. इडी ने उन्हें मुंबई के पीएमएलए कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें पूछताछ के लिए 11 मार्च तक इडी की कस्टडी में भेज दिया गया. उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस है. अधिकारियों के मुताबिक उन्हें जांच में सहयोग नहीं करने पर गिरफ्तार किया गया. इडी ने उनके आवास पर शुक्रवार रात को छापा मारा था. शनिवार की सुबह पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था. यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है, जब इस निजी बैंक में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप सामने आये हैं.
एयरपोर्ट पर बेटी को रोका
कपूर की बेटी रोशनी कपूर को मुंबई एयरपोर्ट पर देश छोड़ने से रोका गया. वह ब्रिटिश एयरवेज के विमान से लंदन जा रही थी. इडी ने कपूर की पत्नी, बेटियों राखी कपूर टंडन, राधा कपूर और रोशनी कपूर के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है.
सीबीआइ जांच भी शुरू
इस मामले में सीबीआइ ने भी जांच शुरू कर दी है. सीबीआइ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, और भ्रष्टाचार के पहलुओं पर गौर कर रही है. वह डीएचएफएल और यस बैंक के संबंधों की भी जांच करेगी. फिलवक्त दस्तावेज इकट्ठा किये जा रहे हैं.
नयी दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय की यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के खिलाफ जांच में 2,000 करोड़ रुपये मूल्य के निवेश, 44 महंगी पेटिंग और एक दर्जन से कथित मुखौटा कंपनियां केंद्र में हैं. अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी को कुछ ऐसे दस्तावेज भी मिले हैं, जो बताते हैं कि कपूर परिवार के लंदन में कुछ संपत्ति हैं. अब उस संपत्ति की खरीद के लिये इस्तेमाल हुए कोष के स्रोत की जांच की जा रही है. इडी एक कंपनी द्वारा कथित रूप से प्राप्त 600 करोड़ रुपये के कोष के मामले में कपूर, उनकी पत्नी तथा तीन बेटियों के खिलाफ जांच कर रहा है. जिस कंपनी को यह राशि मिली, उसका नियंत्रण कथित रूप से उनके द्वारा नियंत्रित थी.
कंपनी को यह राशि डीएचएफएल से जुड़ी इकाई से मिली थी. अधिकारियों ने कहा कि इडी छापे के दौरान मिली अपराध की राशि पर ध्यान दे रही है. छापा के दौरान कपूर, उनकी पत्नी बिंदु तथा तीनों बेटियों के निवास की तलाशी ली गयी. जांच के दौरान परिवार द्वारा 2,000 करोड़ रुपये का निवेश तथा एक दर्जन से अधिक मुखौटा कंपनियों के बारे में जानकारी मिली. इन मुखौटा कंपनियों का उपयोग कथित रिश्वत की हेराफेरी के लिए किया जाता था.
इसके अलावा परिवार के पास 44 महंगी पेंटिंग भी मिले. इनमें से कुछ पेंटिंग कथित तौर पर राजनेताओं से खरीदा गया.डीएचएफएल ने बैंक द्वारा दिये गये 4,450 करोड़ रुपये के लिए डीओआइटी वेंचर्स को पैसे दिये थे, जिसकी जांच की जा रही थी. इडी अधिकारियों ने कहा कि यस बैंक ने डीएचएफएल को 3,750 करोड़ रुपये का कर्ज और डीएचएफएल द्वारा नियंत्रित कंपनी आरकेडब्ल्यू डिवेलपर्स को 750 करोड़ रुपये का एक और कर्ज दिया था.
राणा कपूर का 2,000 करोड़ का निवेश, दर्जनों मुखौटा कंपनियां भी जांच के घेरे में
नयी दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय की यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के खिलाफ जांच में 2,000 करोड़ रुपये मूल्य के निवेश, 44 महंगी पेटिंग और एक दर्जन से कथित मुखौटा कंपनियां केंद्र में हैं. अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी को कुछ ऐसे दस्तावेज भी मिले हैं, जो बताते हैं कि कपूर परिवार के लंदन में कुछ संपत्ति हैं. अब उस संपत्ति की खरीद के लिये इस्तेमाल हुए कोष के स्रोत की जांच की जा रही है. इडी एक कंपनी द्वारा कथित रूप से प्राप्त 600 करोड़ रुपये के कोष के मामले में कपूर, उनकी पत्नी तथा तीन बेटियों के खिलाफ जांच कर रहा है. जिस कंपनी को यह राशि मिली, उसका नियंत्रण कथित रूप से उनके द्वारा नियंत्रित थी.
कंपनी को यह राशि डीएचएफएल से जुड़ी इकाई से मिली थी. अधिकारियों ने कहा कि इडी छापे के दौरान मिली अपराध की राशि पर ध्यान दे रही है. छापा के दौरान कपूर, उनकी पत्नी बिंदु तथा तीनों बेटियों के निवास की तलाशी ली गयी. जांच के दौरान परिवार द्वारा 2,000 करोड़ रुपये का निवेश तथा एक दर्जन से अधिक मुखौटा कंपनियों के बारे में जानकारी मिली. इन मुखौटा कंपनियों का उपयोग कथित रिश्वत की हेराफेरी के लिए किया जाता था.
इसके अलावा परिवार के पास 44 महंगी पेंटिंग भी मिले. इनमें से कुछ पेंटिंग कथित तौर पर राजनेताओं से खरीदा गया.डीएचएफएल ने बैंक द्वारा दिये गये 4,450 करोड़ रुपये के लिए डीओआइटी वेंचर्स को पैसे दिये थे, जिसकी जांच की जा रही थी. इडी अधिकारियों ने कहा कि यस बैंक ने डीएचएफएल को 3,750 करोड़ रुपये का कर्ज और डीएचएफएल द्वारा नियंत्रित कंपनी आरकेडब्ल्यू डिवेलपर्स को 750 करोड़ रुपये का एक और कर्ज दिया था.