रांची : झारखंड के पूर्व मंत्री और विधायक सरकारी आवास खाली नहीं कर रहे हैं. झारखंड विधानसभा से दो बार नोटिस मिलने के बाद भी पूर्व मंत्रियों या किसी विधायक ने अब तक आवास खाली नहीं किया है.
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और उनके मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों समेत समेत 39 पूर्व विधायकों को आवास खाली करने का नोटिस दिया गया था. पहले नोटिस में आवास खाली करने के लिए 10 दिन और दूसरे नोटिस में सात दिनों का समय दिया गया था. लेकिन, किसी भी पूर्व विधायक ने नोटिस को अहमियत नहीं दी. नोटिस में आवास में नहीं रहनेवाले पूर्व विधायकों से ताला खोलने का भी आग्रह किया गया था. हालांकि, उस आग्रह पर भी किसी ने ध्यान नहीं दिया.
मंत्री आवास पर पूर्व मंत्रियों का कब्जा होने की वजह से हेमंत सरकार के मंत्रियों को आवास नहीं मिल रहा है. आवंटित होने के बाद भी मंत्री आवास में दाखिल नहीं हो पा रहे हैं. यही स्थिति पहली बार विधानसभा पहुंचने वाले विधायकों की भी है. कई विधायकों के पास रांची में आवास नहीं है. कई विधायक सरकारी अतिथि गृह में रह कर सदन जा रहे हैं. तो कई विधायक अपने रिश्तेदारों या दोस्तों के पास रुके हैं.
पिछली विधानसभा में चुनाव जीत कर आये विधायकों में से 39 ऐसे हैं, जो इस बार चुनाव जीत कर विधानसभा नहीं पहुंच पाये हैं. साइमन मरांडी, गणेश गंझू, डॉ जीतूचरण राम, साधु चरण महतो, गंगोत्री कुजूर, शिवशंकर उरांव, विमला प्रधान, हरिकृष्ण सिंह, संजीव सिंह व लक्ष्मण टुडू 2019 में विधानसभा का चुनाव नहीं लड़े. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, ताला मरांडी, साइमन मरांडी, अशोक कुमार, जानकी प्रसाद, मनोज कुमार यादव, गणेश गंझू, जय प्रकाश सिंह भोक्ता, राजकुमार यादव, नागेंद्र महतो, जय प्रकाश वर्मा, निर्भय कुमार शाहाबादी, बबीता देवी, नागेश्वर महतो, फूलचंद मंडल, अरूप चटर्जी, संजीव सिंह, राजकिशोर महतो, कुणाल षाड़ंगी, लक्ष्मण टुडू, मेनका सरदार, रामचंद्र सहिस, साधुचरण महतो, शशिभूषण सामड़, सीमा देवी, राम कुमार पाहन, पौलुस सुरीन, सुखदेव भगत, प्रकाश राम, देवेंद्र कुमार सिंह, राधाकृष्ण किशोर, कुशवाहा शिवपूजन मेहता व सत्येंद्र नाथ तिवारी चुनाव हार गये. इन सभी को विधानसभा की ओर से आवास खाली करने का नोटिस दिया गया है.