कोरोना के कहर जारी है और दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. शुक्रवार को भी इस मामले में कई पुष्टी हुई है. हालांकि विशेषज्ञों की मानें तो यह वायरस भारत में नहीं टिकने वाला है. इसका मुख्य कारण है भारत में पड़ने वाली गर्मी. आपको बता दें एक सप्ताह बाद भारत में गर्मी का मौसम शुरू होने वाला है. इसके बाद उम्मीद जतायी जा रही है कि इस वायरस का असर धीरे-धीरे करके समाप्त हो जाएगा.
विशेषज्ञों की मानें तो कोई भी वायरस 26 डिग्री से अधिक तापमान में नही टिक पाता है. भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने माना है कि आयुर्वेद में कोरोना से लड़ने की दवा है. लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर इससे बचा जा सकता है.
– शरबतउन्नाब : 10-20 मिली दिन में दो बार
– तिर्यकअर्बा : 3-5 ग्राम दिन में दो बार
– तिर्यक नजला : 5 ग्राम दिन में दो बार
– खमीरा मार्वारिद : 3-5 ग्राम दिन में एक बार
– स्कैल्प और छाती पर रोगन बाबूना/रोगन मॉम/कफूरी बाम से मालिश करें
– नथुने में रोगन बनाफशा धीरे-धीरे लगाएं
– अर्क अजीब 4-8 बूंद ताजे पानी में लें और दिन में चार बार इस्तेमाल करें
– बुखार होने की स्थिति में हब ए एकसीर बुखार 2 की गोलियां गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें.
– 10 मिली शरबत नाजला 100 मिली गुनगुने पानी में दो बार रोजाना पिएं
– क़ुरस ए सुआल 2 गोलियों को प्रतिदिन दो बार चबाना चाहिए
– शरबत खाकसी के साथ-साथ निम्नलिखित एकल यूनानी दवाओं के अर्क का सेवन करना बहुत उपयोगी है
चिरायता
कासनी
अफसन्टीस
नानखावा
गावजावेन
नाम छाल
सादकूफी
– 5 ग्राम अगस्त्य हरितकी, दिन में दो बार गर्म पानी के साथ लें
– शेषमणि वटी 500 मिलीग्राम दिन में दो बार लें
– त्रिकटु (पिप्पली, मारीच और शुंठी) पाउडर 5 ग्राम और तुलसी 3-5 पत्तियां (1-लीटर पानी में उबालें, जब तक यह ½ लीटर तक कम नहीं हो जाता है और इसे एक बोतल में रख लें) इसे आवश्यकतानुसार दिन में 4-5 बार लें
– प्रतिमार्स नास्य : प्रत्येक नथुने में प्रतिदिन सुबह अनु तेल / तिल के तेल की दो बूंदें डालें
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.