जमशेदपुर : बीसीसीआइ की ओर से इंडियन प्रीमियर लीग के आगामी सत्र के लिए खर्चे में कटौती की गयी है. वर्ष 2019 की तुलना में मिलने वाली आधी कर दी गयी है. अब चैंपियन टीम को 20 करोड़ रुपये की जगह 10 करोड़ रुपये ही मिलेगा.
उप विजेता टीम को छह करोड़ 25 लाख रुपये मिलेंगे. इस मुद्दे पर लाइफ @ जमशेदपुर की टीम में कुछ क्रिकेट खिलाड़ियों से बातचीत की. अधिकतर खिलाड़ियों का कहना था कि यह फैसला गलत है. किसी भी मैच में भीड़ कम नहीं होती. जब रेवेन्यू आ रहा है तो इनामी राशि घटनी नहीं चाहिए.
मैच में भीड़ रहती है. बीसीसीआइ डीवाइ पटेल, सैयद मुश्ताक अली, रणजी, दिलीप ट्रॉफी जैसे मैच करती है. वहां से भी पैसे आ रहे हैं तो इनाम में कटौती क्यों?
– भानु प्रताप सिंह, साकची
मैं बीसीसीआइ के फैसले से इत्तेफाक नहीं रखता हूं. खिलाड़ियों को हर हाल में बेनिफिट मिलना चाहिए. इससे उनका मनोबल ऊंचा होता है.
– मो रिजवान, धातकीडीह
मैच से अगर पर्याप्त पैसे आ रहे हैं तो खिलाड़ियों को उचित इनाम राशि मिलनी चाहिए. दर्शक कम आ रहे हैं या और कोई वजह हो तो समझ में आता है.
– अविनाश कुमार, एग्रिको
खिलाड़ियों को इनाम की राशि देखकर नहीं खेलना चाहिए. उन्हें अपना खेल दिखना चाहिए. बीसीसीआइ कुछ सोच कर ही फैसला ली होगी.
– विकास कुमार, कदमा
किसी भी सूरत में रिवार्ड में कमी नहीं होनी चाहिए. क्योंकि कई खिलाड़ी काफी गरीबी से उठकर मैदान तक पहुंचते हैं. यहां से देखा जाना चाहिए.
– गौरव कुमार, कदमा
इनाम राशि में खिलाड़ियों को दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए. फैसला बीसीसीआइ लेती है. खिलाड़ी इस तरफ ध्यान नहीं दे, अपना खेल दिखाये.
– मयूर पटेल, बिष्टुपुर