रांची : चीन में 3,000 से ज्यादा लोगों की जान लेने और दुनिया भर में लाखों लोगों को संक्रमित करने वाले Coronavirus ने झारखंड में दस्तक दे दी है. बुधवार (4 मार्च, 2020) को रांची के रिम्स में 4 संदिग्ध मरीज भरती हुए. ये सभी चीन, बहरीन एवं इंडोनेशिया से आये हैं. इंडोनेशिया से एक दंपती यहां पहुंचा है, जिसमें कोरोना के लक्षण पाये गये हैं. इन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है और उनके ब्लड सैंपल NICED कोलकाता भेजे गये हैं. इससे पहले कि प्रदेश में यह वायरस झारखंड में तबाही मचाये, स्वास्थ्य मंत्री ने इससे निबटने के लिए नेपाल हाउस में हाईलेवल बैठक की.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की अध्यक्षता में हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी भी उपस्थित थे. स्वास्थ्य मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि हजारीबाग, पलामू, जामताड़ा, चतरा, देवघर, लातेहार और रामगढ़ जिला में 10 संदिग्ध मरीज मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग लगातार इनकी निगरानी कर रहा है. इन लोगों से कहा गया है कि वे अपने ही घर में 28 दिन तक अन्य लोगों से अलग रहें. राज्य एवं जिला के स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी और अधिकारी से इनकी निगरानी करने के लिए कहा गया है.
श्री गुप्ता ने बताया कि भारत सरकार ने 25 फरवरी, 2020 से अब तक कोरिया, मलयेशिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया, वियतनाम, नेपाल, ईरान, जापान, इटली, हांगकांग, सिंगापुर जैसे देशों से आये 65 यात्रियों में से 7 के फोन नंबर की जांच की और इन्हें 28 दिन तक उनके ही घर में लगातार इनकी निगरानी करने की सलाह दी है. इन देशों से आने वाले लोगों में बोकारो के 12, पूर्वी सिंहभूम के 9, गोड्डा, रांची के 27, धनबाद के 4, पलामू के 5, सरायकेला के 2 और हजारीबाग, पश्चिमी सिंहभूम, खूंटी, गिरिडीह और देवघर के 1-1 व्यक्ति शामिल हैं.
अन्य देशों से आये जिन लोगों के फोन नंबर की जांच की गयी है, उनमें देवघर, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम के एक-एक व्यक्ति के अलावा रांची के 4 लोग शामिल हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि रांची एयरपोर्ट पर कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए मेडिकल हेल्पलाइन 104 और प्रचार सामग्री को प्रदर्शित किया गया है. इतना ही नहीं, सभी जिलों के सूचना जनसंपर्क विभाग से कहा गया है कि वे होर्डिंग, बैनर एवं पंपलेट के माध्यम से लोगों को जागरूक करें.
झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) के सभी डॉक्टरों के जरिये इस जानलेवा वायरस के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इसके लिए बाकायदा इन्फॉर्मेशन एजुकेशनल कम्युनिकेशन (आइइसी) कोषांग चलाया जा रहा है. इतना ही नहीं, कार्यशाला के माध्यम से डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को इसके प्रसार को रोकने के लिए जागरूक किया जा रहा है.
रांची स्थित रिम्स समेत 5 मेडिकल कॉलेजों एवं सभी जिला अस्पतालों में बड़े पैमाने पर सुरक्षित बेड चिह्नित किये गये हैं. कुल 998 निजी सुरक्षात्मक उपकरण की व्यवस्था की गयी है. सरकार ने 301 N-95 मास्क की भी व्यवस्था की है.
उल्लेखनीय है कि बुधवार को कोरोनावायरस के चार संदिग्ध मरीजों को रिम्स में भर्ती कराया गया. इनमें से रांची निवासी एक दंपती भी है, जो इंडोनेशिया से आया है. वहीं, धनबाद के निरसा व पलामू से एक-एक संदिग्ध मरीज को रिम्स में भर्ती कराया गया है. धनबाद का संदिग्ध मरीज 16 फरवरी, 2020 काे चीन से भारत आया था. दिल्ली में दाे दिन निगरानी में रखने के बाद 18 फरवरी, 2020 काे उसे धनबाद भेज दिया गया. जिले की सर्विलांस टीम काे उसकी निगरानी करने का निर्देश दिया गया था.
पांच दिन पहले युवक काे सर्दी-खांसी और बुखार हुआ, ताे मंगलवार काे उसे सिविल सर्जन कार्यालय बुलाया गया. यहां से उसे रिम्स भेज दिया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे आइसाेलेशन वार्ड में रखा है. पलामू का जो मरीज रिम्स में भर्ती हुआ है, वह चीन के वुहान से भारत पहुंचा था.