संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस वर्ष महिला दिवस के लिए जो थीम तय किया है वह है “I am Generation Equality: Realizing Women’s Rights”. इस थीम के जरिये संयुक्त राष्ट्र महिलाओं की पीढ़ी को जोड़ रहा है और वह यह सुनिश्चित करना चाह रहा है कि हर पीढ़ी की महिलाएं एक दूसरे को सशक्त करें. किशोरावस्था से लेकर वृद्धावस्था तक एक पीढ़ी की समानता रहे और सभी एक दूसरे को संरक्षण देते हुए महिला अधिकारों की वकालत करें और उन्हें संरक्षित करें. इस थीम का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर महिलाओं को सशक्त करना है. यह थीम संयुक्त राष्ट्र के जेनरेशन इक्वेलिटी से जुड़ा हुआ है. 1995 में बीजिंग, चीन के सम्मेलन में जेनरेशन इक्वेलिटी मुहिम की शुरुआत हुई थी.
आज पूरा विश्व इस बात पर सहमत है कि तमाम प्रगति के बावजूद दुनिया में बहुसंख्यक महिलाएं आज भी अधिकारों से वंचित हैं और उनके साथ लैंगिक भेदभाव हो रहा है. इस भेदभाव को मिटाने और वैश्विक स्तर पर महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने के लिए इस बार संयुक्त राष्ट्र संघ ने यह थीम चुना है.
अमेरिकी महिलाओं ने काम के घंटों को लेकर आंदोलन शुरू किया था, जिसके बाद उनका आंदोलन एक मुहिम बना और अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हुई. पिछले 25 वर्षों से संयुक्त राष्ट्र संघ महिला दिवस के लिए थीम का चयन करता है और उसी थीम के आधार पर हर वर्ष विश्व से लैंगिक असमानता मिटाने के लिए आंदोलन चलाया जाता है. इस वर्ष भी लैंगिक आधार पर भेदभाव मिटाने के लिए थीम का चयन किया गया है.