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कोर्ट में 10 बोतल शराब लेकर घुस रही थी महिला, फिर हुआ कुछ ऐसा…

बक्सर: बिहार के बक्सर कोर्ट में सुबह लगभग नौ बज रहा था, जब न्यायालय के मुख्य द्वार को सुरक्षा प्रभारी प्रकाश चंद फुलारा ने खोलने के साथ एक-एक कर लोगों को अंदर जाने देना शुरू किया था.

बक्सर: बिहार के बक्सर कोर्ट में सुबह लगभग नौ बज रहा था, जब न्यायालय के मुख्य द्वार को सुरक्षा प्रभारी प्रकाश चंद फुलारा ने खोलने के साथ एक-एक कर लोगों को अंदर जाने देना शुरू किया था. अमूमन सुबह-सुबह न्यायालय में घुसने के लिए लोगों की भीड़ नहीं दिखाई देती है, इसी बीच एक महिला शाल ओढ़ाकर न्यायालय में आम आदमियों के साथ घुस रही थी, जहां मुख्य द्वार पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को कुछ संदेह हुआ, इसके बाद महिला को किनारे कर तलाशी ली गयी. मगर पुलिस का होश उस समय उड़ गया, जब तलाशी में उसके पास 200 एमएल की कुल 10 शराब की बोतल पायी गयी.

बोतलों को प्लास्टिक में लपेट दोनों हाथों के बीच महिला अपने सीने में इस ढंग से छिपा रखी थी कि किसी को भी शक न हो सके. आनन-फानन में नगर थाने को सूचना दी गई, जहां महिला को सुरक्षा कर्मियों ने फौरन अपनी गिरफ्त में ले लिया. इस संबंध में न्यायालय के सुरक्षा प्रभारी प्रकाश चंद्र फुलारा ने बताया कि महिला के पास 200 एमएल शराब की 10 बोतल बरामद की गयी हैं. हालांकि प्रारंभिक पूछताछ में उसने यह नहीं बताया है कि उक्त आपूर्ति को कहां खपाने जा रही थी. लेकिन न्यायालय के अंदर शराब को लेकर घुसने के प्रयास को लेकर लोगों द्वारा तरह-तरह की अटकलें लगायी जा रही हैं. वहीं यह भी बताया जा रहा है कि पुलिस से बचने के लिए वह न्यायालय के मुख्य द्वार से पिछली द्वार के बीच के रास्ते को सुरक्षित मार्ग बनाकर पीछे के रास्ते से सोहनी पट्टी में इकट्ठा कर रही थी. जिसे आगामी होली के मौके पर सप्लाइ की जाती. उक्त महिला ने सुरक्षा प्रभारी को अपना नाम पुष्पा बानो पति मौला रजक तथा सोहनीपट्टी अपना पता बताया है.

5600 मामले सुनवाई में है लंबित

बक्सर कोर्ट में शराबबंदी के बाद हो रही अंधाधुंध गिरफ्तारी व ताबड़तोड़ दर्ज होने वाले मुकदमों के चलते न्यायालय पर अतिरिक्त भार बढ़ता जा रहा है. हालांकि मामलों की सुनवाई भी तेजी से की जा रही है, लेकिन कई तरह की प्रक्रिया एवं जांच के कारण विलंब होना स्वाभाविक है. औसतन प्रत्येक माह में 25 से 30 मामलों का निष्पादन किया जा रहा है जो कि अपने आपमें एक रिकॉर्ड है. वहीं दूसरी तरफ प्रत्येक माह दर्ज होनेवाली शराब संबंधित मामले एक बड़े रिकॉर्ड को जन्म दे रहे हैं. बताते चलें कि प्रत्येक माह न्यायालय में एक्साइज संबंधित लगभग 125 से नये मामले लिस्ट में शामिल हो जाते हैं, ऐसे में शराब संबंधित मामलों का निष्पादन आगामी कितने वर्षों में हो सकेगा आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है. एक जानकारी के अनुसार पूरे बिहार में दो लाख से ज्यादा शराब के मामले दर्ज किये गये हैं. जिनका निष्पादन करने में 50 वर्षों से अधिक के समय का अंदाजा लगाया गया है.

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