Coronavirus outbreak: दुनिया के 72 देशों में कहर बरपाने वाले कोरोना वायरस का खौफ इतना है कि लोग चोरी करने पर भी उतारू हो गये हैं. जी हां , चोरी किसी और चीज की नहीं बल्कि मास्क की. कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच फ्रांस के दक्षिण में स्थित मार्से शहर के एक अस्पताल से तकरीबन दो हजार सर्जिकल मास्क चोरी होने का मामला प्रकाश में आया है.
स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी. मार्से के अस्पताल के अधिकारियों ने एएफपी से कहा कि मास्क अस्पताल के उस भाग से चोरी हुए हैं जहां केवल सर्जरी के लिए मरीज और चिकित्सा कर्मियों को जाने की अनुमति है. अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल ने दोषियों को पकड़ने के लिए तुरंत एक आतंरिक जांच शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में सुचारु रूप से ऑपरेशन करने के लिए पर्याप्त मात्रा में मास्क हैं. अस्पताल में और मास्क मंगाये गये हैं और मास्क और सेनिटाइजिंग जेल की सुरक्षा के लिए कदम उठाये गये हैं.
सुरक्षात्मक सामग्रियों की ‘आपूर्ति तेजी से घट रही है’: डब्ल्यूएचओ
इधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आगाह किया है कि कोरोना वायरस ने निपटने में लगे स्वास्थ्यकर्मियों के पास मास्क और गॉगल्स जैसी सुरक्षात्मक वस्तुओं की घोर कमी हो रही है. साथ ही डब्ल्यूएचओ ने इनकी जमाखोरी और दुरुपयोग की चेतावनी भी दी है. डब्ल्यूएचओ प्रमुख तेद्रोस अदहानोम घेब्रेयेसस ने कहा कि बढ़ती मांग के कारण व्यक्तिगत रक्षात्मक वस्तुओं की आपूर्ति वैश्विक स्तर पर बाधित होने और इससे निपटने में देशों की क्षमताओं के कम होने से हम चिंतित हैं…. सर्जिकल मास्क के दामों में छह गुना बढ़ोतरी दर्ज की गयी तो जीवन रक्षक प्रणाली के दाम तीन गुना हो गये हैं.
ईरान की नींद उड़ी, चीन से आयी अच्छी खबर
दुनिया के कम से कम 72 देशों को अपनी चपेट में ले चुके खतरनाक कोरोना वायरस ने ईरान की संसद की नींद उड़ा दी है क्योंकि इस देश के 23 सांसद इससे पीड़ित हो चुके हैं. वहीं दक्षिण कोरिया में तेजी से फैल रहे इस वायरस से निपटने के लिए एक नया कदम उठाया गया है. यह कदम है ‘ड्राइव थ्रू टेस्टिंग’ जिसके तहत वाहन में सवार रहने के दौरान ही चिकित्साकर्मी लोगों के बुखार या सांस में तकलीफ की जांच कर रहे हैं. ईरान, यूरोप और दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच चीन से अच्छी खबर भी आ रही है क्योंकि वहां इस वायरस से हजारों लोग ठीक होकर अब अपने घर लौट रहे हैं. वहीं अमेरिका में स्कूलों और सबवे में साफ-सफाई का काम चल रहा है और टीके की खोज तेज हो गयी है. ईरान के सर्वोच्च नेता ने सेना को आदेश दिया है कि वह इस वायरस से मुकाबले में स्वास्थ्य अधिकारियों की मदद करें. इस वायरस से ईरान में अब तक 77 लोगों की मौत हो चुकी है.