लंदन : ब्रिटिश गृह मंत्री प्रीति पटेल को पूर्व में मंत्री रहते उनकी भूमिका को लेकर नये आरोपों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि मंगलवार को यह सामने आया कि उनकी पूर्व सहयोगी को 2015 में सरकार से 25,000 पाउंड मिले थे. यह रकम उन्हें तत्कालीन रोजगार मंत्री द्वारा धौंस जमाये जाने का दावा करने के बाद दी गयी थी. गृह मंत्रालय के विभाग के शीर्ष नौकरशाह के धौंस जमाए जाने के आरोपों के बीच इस्तीफा देने के बाद भारतीय मूल की मंत्री पर भी इस्तीफा देने का दबाव है.
हालांकि, उन्होंने आरोपों से इनकार किया है और ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने भी “शानदार” मंत्री बताकर उनका समर्थन किया था. बीबीसी द्वारा देखे गये कानूनी दस्तावेजों के मुताबिक, कार्य और पेंशन विभाग (डीडब्ल्यूपी) की अनाम कनिष्ठ कर्मचारी ने उस वक्त रोजगार मंत्री रहीं पटेल समेत विभाग के खिलाफ धौंस जमाने और प्रताड़ित किये जाने की औपचारिक शिकायत की थी. यह शिकायत उक्त कर्मचारी ने अक्टूबर, 2015 में पद से बर्खास्त किये जाने के बाद की थी.
पीड़ित कर्मचारी के लाइन प्रबंधक और एक सहकर्मी द्वारा दिये गये बयानों के मुताबिक, डीडब्ल्यूपी ने जवाबदेही स्वीकार नहीं की और यह मामला किसी रोजगार न्यायाधिकरण के समक्ष नहीं आया, लेकिन स्टाफ के सदस्यों ने आरोप लगाया कि उसे बताया गया कि उसे बर्खास्त करने का फैसला उसके प्रदर्शन के आधार पर नहीं लिया गया, बल्कि इसलिए लिया गया, क्योंकि पटेल को “चेहरा (उसका) पसंद” नहीं था.
पटेल के एक करीबी सूत्र ने बीबीसी को बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है कि कोई शिकायत की गयी है. सरकार ने कहा कि मंत्री की आचार संहिता के तहत तथ्यों को स्थापित करने के लिए एक जांच शुरू की जायेगी. हालांकि, विपक्ष इस मामले को लेकर हमलावर है और उसने जांच होने तक प्रीति के इस्तीफे की मांग की है.