रांची : झारखंड की राजधानी रांची के कांके थाना क्षेत्र में एक छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म (Gang Rape) मामले में रांची की अदालत ने सोमवार को सभी 11 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनायी. साथ ही सभी आरोपियों को 50-50 हजार रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया गया है. प्रधान न्यायायुक्त नवनीत कुमार की अदालत ने सभी आरोपियों को इस जघन्य अपराध के लिए आइपीसी की धारा 376D के तहत अंतिम सांस तक कारावास में रहने की सजा सुनायी है. सजा सुनाये जाने से पहले कोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गयी थी. कांके निर्भया केस में जब अदालत ने फैसला सुनाया, झारखंड के पुलिस महानिदेशक, आइजी, डीआइजी, रांची के एसएसपी (ग्रामीण) कोर्ट में मौजूद थे.
प्रधान न्यायायुक्त की अदालत ने 26 फरवरी को इस मामले के 11 आरोपियों (कुलदीप उरांव, सुनील उरांव, संदीप तिर्की, अजय मुंडा, राजन उरांव, नवीन उरांव, बसंत कच्छप, रवि उरांव, रोहित उरांव, सुनील मुंडा और ऋषि उरांव) को अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और आपराधिक षड्यंत्र रचने का दोषी ठहराया था.
सभी आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376D, 366,323 एवं 120B की विभिन्न धाराओं के तहत कोर्ट ने दोषी पाया था. अभियोजन पक्ष ने अदालत से सभी दोषियों को अधिक से अधिक सजा देने की मांग की थी.
ज्ञात हो कि कांके थाना क्षेत्र में एक छात्रा से 26 नवंबर, 2019 को सामूहिक दुष्कर्म हुआ था. पीड़िता ने 27 नवंबर को कांके थाना में केस दर्ज करवाया था. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार्जशीट फाइल की और कोर्ट ने तीन महीने के भीतर फैसला सुनाने की हाइकोर्ट की गाइडालइन के अनुरूप सुनवाई की और मात्र 50 दिन की सुनवाई के बाद आरोपियों को दोषी करार दे दिया.
इस केस में 11 लोग दोषी करार दिये गये. इनके अलावा एक नाबालिग भी इस गैंगरेप में शामिल था, जिसके केस की सुनवाई जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (JJB) में चल रही है. रांची के प्रधान न्यायायुक्त की अदालत ने 6 जनवरी, 2020 को इस मामले में आरोप तय किया था. 7 से 12 जनवरी तक 21 लोगों की गवाही हुई.
इस दौरान देर शाम तक हर दिन कोर्ट में गवाहों के बयान दर्ज किये गये. 13 से 24 फरवरी तक दोनों पक्षों के वकीलों ने प्रधान न्यायायुक्त की अदालत में अपनी दलीलें रखीं. कोर्ट ने 26 फरवरी को सभी आरोपियों को दोषी करार दे दिया. इसके बाद सजा के बिंदुओं पर सुनवाई के लिए 2 मार्च की तारीख मुकर्रर कर दी.