कोलकाता : पश्चिम बंगाल (West Bengal) की राजधानी कोलकाता के राजारहाट (Rajarhat) में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के 29 स्पेशल कंपोजिट ग्रुप कॉम्प्लेक्स (29 Special Composite Group Complex) का उद्घाटन किया. इस अवसर पर श्री शाह ने एनएसजी को सुरक्षा की गारंटी का दूसरा नाम बताया. उन्होंने एनएसजी को आश्वस्त किया कि तकनीक के मामले में भारत सरकार इस कर्मठ एजेंसी को दुनिया से आगे रखेगी.
श्री शाह ने कहा कि इस एजेंसी ने लोगों की सुरक्षा में सदैव तत्परता से काम किया है. देश पर आने वाले किसी भी खतरे से निबटने के लिए एनएसजी सदैव तैयार रहता है. गृह मंत्री ने कहा कि इस एजेंसी ने आतंकवादियों को एक बार नहीं, कई बार, बार-बार परास्त किया है. इसलिए देश के लोग एनएसजी को सुरक्षा की गारंटी का दूसरा नाम मानते हैं.
श्री शाह ने कहा कि इसलिए जरूरी है कि किसी भी हमले से निबटने के लिए ऑपरेशन की टाइमिंग में में कमी आनी चाहिए. अक्षरधाम और मुंबई के ऑपरेशन को मैंने करीब से देखा. इतना बड़ा हमला करने के लिए जो शख्स आता है, वह यह निश्चय करके आता है कि उसकी मृत्यु तय है. उसका लक्ष्य 130 करोड़ की आबादी वाले विशाल भारत देश में आतंक पैदा करना होता है. लेकिन, हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि हमारा कम से कम नुकसान हो और दुश्मन का जल्द से जल्द खात्मा. एनएसजी को ऐसी ट्रेनिंग की व्यवस्था करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि जवानों का समूह जब लंबे समय तक दिन-रात अपने जीवन के सबसे अच्छे समय में से पूरा समय देता है, तब देश सुरक्षित रहता है. श्री शाह ने कहा कि सरकार आधुनिक से आधुनिक तकनीक और आयुध दे सकती है, लेकिन युद्ध के लिए जज्बे की जरूरत होती है. कोई भी युद्ध तकनीक और आयुध से नहीं जीता जाता, जंग के मैदान में जवान का जज्बा ही विजय दिलाता है. आयुध और तकनीक की सीमित भूमिका होती है.
श्री शाह ने कहा कि जिस तरह से सुरक्षा बल को अपग्रेड करने की तैयारी चल रही है, उसी तरह आतंकवादी भी खुद को अपग्रेड कर रहे हैं. ऐसे में एनएसजी की बहुत बड़ी चुनौती है कि वह खुद को कैसे समाज के दुश्मनों से आगे रखे. उन्होंने कहा कि मुंबई हमले (26/11) के बाद एनएसजी का विस्तार हुआ. देश के अलग-अलग हिस्से में इस एजेंसी ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी. अब मजबूत तरीके से पूरे देश की सुरक्षा को को-ऑर्डिनेट करने में एनएसजी को सुविधा मिलेगी.
आपकी उपस्थित से भयभीत हों आतंकी : अमित शाह ने एनएसजी से कहा कि वे अपनी ट्रेनिंग और ऑपरेशन को इस तरह से डिजाइन करें, ताकि उनकी उपस्थिति मात्र से ही समाज के दुश्मन भयभीत हो जायें. एनएसजी का परिचय ऐसा हो कि सीमा पार करने के नाम मात्र से ही देश के दुश्मन सहम जायें. उन्होंने कहा कि जिनके मन में देश को तोड़ने का विचार है, देश की शांति को भंग करने का विचार है, उनके मन में एनएसजी की उपस्थिति का भय होना चाहिए. फिर भी यदि वे आगे आते हैं, तो उनके साथ लड़कर उनको पराजित करने की भी जिम्मेदारी एनएसजी को उठानी होगी.
श्री शाह ने कहा कि जब से नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आयी है, सुरक्षा बलों को ढेर सारी सुविधाएं दी गयी हैं. उन्होंने वन रैंक वन पेंशन, सर्जिकल और एयर स्ट्राइक का जिक्र किया. कहा कि आज सुरक्षा के क्षेत्र में भारत का नाम पूरे विश्व में सम्मान के साथ लिया जाता है. भारत अब अपने जवानों की मौत का बदला दुश्मन घर में घुसकर लेता है. पहले अमेरिका और इस्राइल ही ऐसा करते थे, लेकिन अब भारत का नाम भी इस सूची में शामिल हो गया है.
मोदी सरकार ने आक्रामक सुरक्षा नीति बनायी
गृह मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने आक्रामक सुरक्षा नीति बनायी. अपने देश में सुरक्षा और विदेश नीति में लंबे अरसे तक घालमेल रहा. कोई समझ ही नहीं पा रहा था कि रक्षा नीति क्या है और विदेश नीति क्या है. मोदी जी ने इसे स्पष्ट किया. श्री शाह ने कहा कि हम विश्व में शांति चाहते हैं. 10 हजार साल के इतिहास में कभी किसी देश पर हमने आक्रमण नहीं किया. हम अपनी शांति में किसी को खलल भी नहीं डालने देंगे. उन्होंने कहा कि हमारी सीमा का अगर किसी ने उल्लंघन किया, हमारे जवानों को हताहत किया, तो उसका परिणाम उसे भुगतना होगा.
जवानों को देंगे तमाम सुविधाएं : अमित शाह ने एनएसजी के जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार की प्राथमिकता है कि देश की सुरक्षा में जुटे जवानों के परिवार के कल्याण के लिए जो भी करना चाहिए, हम करेंगे. सरकार ऐसी व्यवस्था कर रही है, ताकि जवान साल में कम से कम 100 दिन अपने परिवार के साथ बिता सकें. उन्होंने कहा कि जहां जवान तैनात हैं, वहां भी उन्हें बहुत-सी सुविधाएं देने की तैयारी सरकार ने की है. इन योजनाओं को जल्द ही समयबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा. श्री शाह खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एनएसजी या सुरक्षा बल के अन्य जवान जिस मुस्तैदी से देश की सुरक्षा कर रहे हैं, उससे अधिक मुस्तैदी के साथ उनके परिवार की चिंता नरेंद्र मोदी सरकार कर रही है.