गिरिडीह : जांच घर के संचालन में स्वास्थ्य प्रावाधानों की यहां धज्जियां उड़ायी जा रही हैं. प्रावाधान के तहत डीएमएलटी को जांच घर में सहायक की भूमिका निभानी है. जानकारी के अनुसार डीएमएलटी डिग्रीधारक जांच रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. जांच घर के संचालन में स्वास्थ्य प्रावाधानों के अनुसार डीएमएलटी की डिग्री नहीं, बल्कि एमडी पैथाेलॉजिस्ट को मान्यता दी गयी है.
जांच रिपोर्ट पर हस्तारक्षर करने का हक भी एमडी पैथाेलॉजिस्ट को है. विभागीय सूत्र की मानें तो जांच घर में एमडी पैथाेलॉजिस्ट की निगरानी में जांच रिपोर्ट तैयार की जानी है. डीएमएलटी को जांच घर में केवल प्रोसेस करना है, पर जिले में अधिकतर जांच घर ऐसे डिग्रीधारक ही संचालित कर रहे हैं.
फिलहाल जांच घर की रिपोर्ट पर केवल एमडी पैथाेलॉजिस्ट का हस्ताक्षर रहता है और हस्ताक्षर भी असली है या नकली इसकी कभी जांच नही की जाती है. यह कैसे मुमकिन है कि जिले में मात्र चार एमडी पैथाेलॉजिस्ट हैं और हर जांच रिपोर्ट में उनका हस्ताक्षर हो.