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बैंकों की लापरवाही से मात्र 28 फीसदी लक्ष्य

बैंकों की लापरवाही और ढीले रवैये की वजह से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का निर्धारित लक्ष्य का अब तक केवल 28 फीसदी ही हासिल किया जा सका है.

पटना : बैंकों की लापरवाही और ढीले रवैये की वजह से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का निर्धारित लक्ष्य का अब तक केवल 28 फीसदी ही हासिल किया जा सका है. शत-प्रतिशत लक्ष्य को पाने के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए केवल एक माह बाकी रह गया है. रोजगार सृजन की धीमी रफ्तार का खुलासा उद्योग मंत्री श्याम रजक की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित बैठक में हुई.

उन्होंने बैंकों को दो टूक कहा कि 15 मार्च तक 100 फीसदी लक्ष्य का टारगेट तय करें. उन्होंने कहा कि अगर बैंक अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं, तो उन पर एससी-एसटी अत्याचार अधिनियम तथा अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी.

शुक्रवार को उद्योग विभाग के सभाकक्ष में आयोजित इस समीक्षा बैठक बैंकों महाप्रबंधकों और विभागीय अफसर मौजूद रहे. इस दौरान प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम व अन्य विकास योजनाओं की समीक्षा की गयी. समीक्षा बैंकवार व जिलेवार की गयी. रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत बिहार राज्य का भौतिक लक्ष्य 4943 निर्धारित है.

14828 लाख रुपये मार्जिन मनी का लक्ष्य है. इस लक्ष्य के विरूद्ध 18684 आवेदन पत्रों को जिला टास्क फोर्स के अनुमोदन के बाद जिला उद्योग केंद्र बैंकों को भेज चुके हैं. इसमें से मात्र 1640 आवेदकों का ऋण स्वीकृत किया गया है. जिसमें 5303.00 लाख ही बतौर मार्जिन मनी स्वीकृत किये गये. बैठक में बताया गया कि 1393 इकाई को 4263 लाख रुपये की मार्जिन मनी दी जा चुकी है.

मुख्यमंत्री एससी-एसटी एवं मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ी जाति उद्यमी योजना

उद्योग मंत्री रजक ने इस योजना में बक्सर, जहानाबाद, गया, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सारण, मधुबनी के प्रगति पर असंतोष जताया. उन्होंने आदेश दिया कि अगर 6 मार्च अपेक्षित प्रगति नहीं हुई, तो संबंधित महाप्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ी जाति उद्यमी योजना का शुभारंभ जल्दी ही किया जायेगा. बैठक में उद्योग विभाग के सचिव नर्मदेश्वर लाल, उद्योग निदेशक पंकज कुमार सिंह, तकनीकी निदेशक रविंद्र प्रसाद एवं अन्य विभागीय अफसर मौजूद रहे.

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