हैदराबाद: गैरकानूनी, राष्ट्रविरोधी और भड़काऊ अफवाह फैलाने के आरोप में टिकटॉक (TikTok), ट्विटर (Twitter) और व्हाट्सएप (WhastApp) पर हैदराबाद की एक अदालत ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है. मुकदमा दर्ज करने को लेकर स्थानीय पत्रकार ने याचिका लगायी थी. याचिका के अनुसार, कुछ लोग देश को तोड़ने और नफ़रत फैलाने के लिए वीडियो बनाते हैं, जिसे इन ऐप्स पर प्रसारित किया जाता है.
याचिकाकर्ता श्रीशैलम ने अपनी आरोप लगाते हुए कुछ WhastApp Group Messages, TikTok Video और Twitter Post के साथ-साथ अंग्रेजी, उर्दू, अरबी, तमिल, तेलुगु और हिंदी सहित कई भाषाओं में आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करने के लिए उपयोग किए गए मोबाइल नंबरों की डिटेल भी पेश की. उन्होंने कहा कि इन चीजों को रोकने में ये ऐप्स पूरी तरह अक्षम है, जिसके बाद याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर तीनों एप्स के प्रबंधकों से जवाब देने के लिए कहा है.
बता दें कि कंटेंट गाइडलाइन नियम का उल्ल्घंन के नोटिस मिलने के बाद टिक-टॉक ने अपने प्लेटफार्म से 60 लाख वीडियो को हटा दिया था. हालांकि टिक-टॉक ने कंपनी मेक्निज्म को मजबूत बनाने की बात कहकर इसे खंडन किया था. टिक टॉक का कहना था कि गैरकानूनी और अश्लील कंटेंट को रोकने की दिशा में हम लगातार कोशिश कर रहे हैं.
सरकार के निशाने पर- टिक टॉक, ट्विटर और व्हाट्सएप पर भारत सरकार शुरू से नजर रख रही है. कंटेंट में अश्लीलता और गैरकानूनी चीजों को प्रसारित करने के चलते भारत में इन्हें विरोध का सामना करना पड़ा है. हाल ही में भारत सरकार ने टिक टॉक को नोटिस भेज कर 24 सवालों के जवाब भी मांगे थे.