राज्य के वित्त विभाग ने फिर से काम पर वापस लेने का दिया निर्देश
गुरुवार को हुई बैठक में लिया गया फैसला
एक वर्ष पहले अवैध घोषित की गयी थी इनकी नियुक्त
हावड़ा : अप्रैल महीने में नगर निगम का चुनाव होने जा रहा है. इस बार भी तृणमूल कांग्रेस बोर्ड बनाने का भरसक कोशिश करेगी. इसी के मद्देनजर चुनाव के ठीक पहले पिछले साल निगम से निकाले गये 419 ठेका श्रमिकों को फिर से बहाल करने का फैसला लिया गया है. गुरुवार को इस संबंध में एक बैठक हुई और सभी ठेका कर्मचारियों को फिर से काम पर वापस लेने का निर्णय लिया गया.
गुरुवार को राज्य सरकार के वित्त विभाग ने इन ठेका कर्मचारियों की पुनर्नियुक्ति को हरी झंडी दे दी. नियुक्ति की खबर से कर्मचारियों में खुशी है. विपक्षी दलों ने भी इस पर खुशी जतायी है, लेकिन वे लोग इसे चुनावी स्टंट बता रहे हैं.
क्या था 419 ठेका कर्मचारियों का मामला
10 दिसंबर, 2018 को नगर निगम के बोर्ड की मियाद खत्म हुई थी. मियाद खत्म होने के ठीक डेढ़ महीने पहले 419 कर्मचारियों को निगम के विभिन्न विभागों में ठेके पर रखा गया था. कर्मचारियों ने काम शुरू किया लेकिन कुछ महीने तक काम करने के बावजूद उन्हें वेतन नहीं मिला. वेतन नहीं मिलने कर्मचारियों ने निगम मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. इसके बाद मंत्री फिरहाद हकीम बैठक करने के लिए निगम मुख्यालय पहुंचे. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए साफ कह दिया कि 419 ठेका कर्मचारियों की नियुक्ति अवैध तरीके से हुई है. उन्होंने कहा था कि संबंधित विभाग से बिना संपर्क किये इन लोगों को काम पर रख लिया गया. इसके कुछ महीने बाद ठेका कर्मचारियों को निकाल दिया गया और बताया गया कि निगम के पास इन्हें वेतन देेने के लिए रुपये नहीं हैं.
प्रशासनिक बैठक में सीएम ने भी जतायी थी नाराजगी
पिछले साल शरत सदन में आयोजित प्रशासनिक बैठक में पहुंचीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 419 ठेका कर्मचारियों को नियुक्त किये जाने पर मेयर डॉ रथीन चक्रवर्ती को फटकार लगायी थी. उन्होंने मेयर से पूछा कि बिना संबंधित मंत्रालय व वित्त विभाग से संपर्क किये, किस आधार पर इन्हें काम पर रखा गया. मेयर ने सीएम के इस सवाल का जबाव दिया था, लेकिन उनके जबाव से मुख्यमंत्री काफी नाराज हुई थीं.