नयी दिल्ली : फिल्म “शुभ मंगल ज्यादा सावधान” में मुख्य भूमिका निभा रहे जितेंद्र कुमार कहते हैं कि भौतिक विज्ञान पढ़ाकर अच्छी कमाई को छोड़कर अभिनय की दुनिया में कदम रखने के लिए सही समय चुनना ही बहुत बड़ा संघर्ष था. अब बालीवुड फिल्म में मुख्य किरदार निभाने का उनका सपना पूरा हो रहा है.
आईआईटी खड़गपुर से स्नातक जितेंद्र कुमार पहले एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनना चाहते थे लेकिन कालेज में सिविल इंजीनियरिंग से उन्हें समझौता करना पड़ा. इन सब के बाद भी उनका दिल कहीं और रमा था.
जितेंद्र ने पीटीआई भाषा से कहा, “ मैं एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनना चाहता था. लेकिन मेरी रैंक अच्छी नहीं थी इसलिए मुझे सिविल इंजीनियरिंग मिला. वहीं पढ़ाई में मेरी दिलचस्पी खत्म हो गई. अगर आप अपने इंजीनियरिंग क्षेत्र को लेकर उत्साहित नहीं हो तो आप एक अच्छे इंजीनियर नहीं बन सकते.”
खराब इंजीनियर बनने की सूरत में उन्होंने अपने पर ही हंसते हुए कहा, “क्यों पुल गिराऊं मैं?” उसके बाद उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा। 2012 में वे द वायरल फीवर चैनल से जुड़ गए और अपना गुजारा चलाने के लिए भौतिकी का ट्यूशन देन लगे. टीवीएफ में वे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नकल कर और “परमानेंट रूममेट्स” में गिट्टू की भूमिका निभाकर लोगों के चहेते बन गए.
उन्होंने कहा, ‘मुझे पता था कि मैं भौतिकी अच्छे से पढ़ा सकता हूं, इसलिए ट्यूशन से पैसा कमाना कोई संघर्ष नहीं था. अभिनय से पैसे कमाना संघर्ष था. उसके बाद अभिनय के अच्छे मौके पाना और अपने फैसले पर कायम रखने के लिए संघर्ष करना पड़ा.”
2015 में आयी “पिचर्स” से जितेंद्र ने पैसे कमाना शुरू किया और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। “शुभ मंगल ज्यादा सावधान” में वह आयुष्मान खुराना के समलैंगिक प्रेमी की मुख्य भूमिका में हैं. फिल्म की कहानी भारत के छोटे कस्बे में बुनी गई है.
जितेंद्र ने कहा कि फिल्म में उनका किरदार अमन अपने प्रेमी कार्तिक(आयुष्मान) के कारण खुद के समलैंगिक होने को स्वीकार लेता है लेकिन अपने रूढ़ीवादी परिवार के सामने इस बात को नहीं रख पाता. फिल्म में जितेंद्र और आयुष्मान का किसिंग सीन भी चर्चा में है.
जितेंद्र को लगता है कि लोगों को सीन के बारे में सुन कर झटका लग सकता है लेकिन जब फिल्म में लोग यह देखेंगे तो उन्हें वह रोमांटिक लगेगा. उन्होंने कहा, “पहले जब किसी युगल को पर्दे पर किस करते देखते थे तो भी विवाद उठ खड़ा होता था जैसे सालों पहले फिल्म “राजा हिंदुस्तानी के समय हुआ था. जब भी कोई ऐसा सीन आता तो कोई खांसने लगता, मम्मी उठकर किचेन में चली जाती. बहुत असहज सी स्थिति हो जाती थी.”
उन्होंने कहा, “अब लोग वैसे दृश्य अपने मां-बाप के साथ भी देख सकते हैं. इस तरह से धीरे-धीरे चीजें बदली हैं. समय के साथ यह सब सामान्य हो गया है. यह पहला कदम है और मैं आशा करता हूं कि लोग फिल्म में इस ‘किस’ को भी सामान्य ढंग से लेंगे.”
जितेंद्र ने कहा कि “प्यार कोई समस्या या मुद्दा नहीं है जैसा समाज ने इसे बना दिया है. हम दो अलग जातियों में, अलग धर्म में, समान लिंग के लोगों से प्यार करने से रोकते हैं. लेकिन हम अपराधों को आसानी से भूल जाते हैं, प्रदूषण फैलाने वालों को कोई नहीं रोकता.”
उन्होंने कहा, “लेकिन जब प्यार की बात आती है तो लोग उसका मुद्दा बना देते हैं. ये स्वीकार करने लायक नहीं है. प्रेम लेने-देने में भरोसा रखें. इसके अलावा भी बहुत सारे मुद्दे हैं जिनपर ध्यान देने की जरूरत है.” हितेश कैवल्य निर्देशित फिल्म शुक्रवार को रिलीज होगी.