maha shivaratri 2020: मंदिरों में शुक्रवार को शिव-पार्वती विवाह के साथ अखंड पाठ, विशेष पूजा-अर्चना, महादेव का रुद्राभिषेक और जलाभिषेक जारी है. आज शिव बारात भी निकाली जायेगी. विशेष पोशाक और वेश-भूषा में भगवान भोलनाथ के भक्त हर हर महादेव का जयघोष करते हुए शहर का चक्कर लगायेंगे. कई मंदिरों के आस-पास भीड़ बढ़ने की संभावना को देखते हुए पूजा पंडाल भी बनाये गये हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो.
59 साल बाद बन रहा विशेष संयोग
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाने वाला महाशिवरात्रि पर्व इस वर्ष एक विशेष योग में मनाया जा रहा है. दैवज्ञ डॉ पंडित श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि इस दिन पांच ग्रहों की राशि पुनरावृत्ति होने के साथ शनि व चंद्र मकर राशि, गुरु धनु राशि, बुध, कुंभ, राशि और शुक्र, मीन राशि में हैं. बता दें इससे पहले ग्रहों की यह स्थिति और ऐसा योग वर्ष 1961 में रहा था. इस दौरान दान-पुण्य करने का भी विधान है.
ऐसे करें पूजा
शिव रात्रि के दिन सबसे पहले सुबह स्नान करके भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान करवाएं. उसके बाद भगवान शंकर को केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं. इस दिन पूरी रात दीपक जलाकर रखें. भगवान शंकर को चंदन का तिलक लगाएं. तीन बेलपत्र, भांग धतूर, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं. इसके बाद केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें. पूजा में सभी उपचार चढ़ाते हुए ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें.
महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त : 21 तारीख को शाम को पांच बजकर 12 मिनट से 22 फरवरी शनिवार को शाम 6.10 मिनट तक.