17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची : पर्यावरण स्वीकृति के बिना बंद हैं बालू घाट

सुनील चौधरी जेएसएमडीसी ने सरकार को लिखा पत्र, दर्जनों घाटों के आवेदन लंबित रांची : झारखंड में पर्यावरण स्वीकृति (इसी) नहीं मिलने की वजह से 45 बालू घाट चालू नहीं हो पा रहे हैं. वहीं, 100 दिनों में एक सौ खदान चालू का करने का लक्ष्य भी इसी के कारण अटका हुआ है. बालू के […]

सुनील चौधरी
जेएसएमडीसी ने सरकार को लिखा पत्र, दर्जनों घाटों के आवेदन लंबित
रांची : झारखंड में पर्यावरण स्वीकृति (इसी) नहीं मिलने की वजह से 45 बालू घाट चालू नहीं हो पा रहे हैं. वहीं, 100 दिनों में एक सौ खदान चालू का करने का लक्ष्य भी इसी के कारण अटका हुआ है. बालू के साथ-साथ विभिन्न कंपनियों और बड़े प्रोजेक्टों को पर्यावरण स्वीकृति नहीं मिल रही है. ऐसा झारखंड में स्टेट लेबल इनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट ऑथोरिटी (सिया) के गठन नहीं होने के कारण हो रहा है.
पुरानी कमेटी का कार्यकाल आठ नवंबर को ही समाप्त हो गया है. नयी कमेटी के लिए वन विभाग ने इंटरव्यू भी कर लिया है. इंटरव्यू कमेटी की अनुशंसा के बाद नयी टीम के लिए अधिसूचना जारी नहीं हो पायी है. इसकी अधिसूचना केंद्र सरकार से जारी होती है. सिया में एक अध्यक्ष के अतिरिक्त सरकार के विवेक पर पद सदस्यों की संख्या तय होती है.
बालू घाटों का मामला अटका, सरकार से लगायी गुहार : बालू घाटों के संचालन की जवाबदेही झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) को मिली हुई है.
जेएसएमडीसी द्वारा घाटों में माइंस डेवलपर अॉपरेटर (एमडीओ) की नियुक्ति के लिए निविदा कर ली गयी है. अब घाटों के संचालन के लिए इसी की जरूरत है. जेएसएमडीसी ने वन विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. साथ ही पत्र की प्रतिलिपि मुख्य सचिव को भी भेजी है. जेएसएमडीसी ने कहा है कि बालू घाटों के लिए आवश्यक क्लीयरेंस लेने की प्रक्रिया निगम ने आरंभ कर दी है.
पर वर्तमान में इसी नहीं मिलने से यह प्रक्रिया रुकी हुई है. वजह है कि सिया का कार्यकाल आठ नवंबर 2019 को ही समाप्त हो चुका है. साढ़े तीन माह से अधिक समय बीतने के बावजूद नयी कमेटी का गठन नहीं हुआ है. आगे लिखा गया है कि जेएसएमडीसी 100 दिनों में 100 बालू घाटों को चालू करने की दिशा में काम कर रहा है.
बर्शते कि सिया का गठन हो जाये. सिया के नहीं होने की वजह से बड़ी संख्या में बालू घाटों का इसी लंबित है. इस बीच 35 बालू घाटों के आवेदन इसी के लिए तैयार हो चुके हैं. पूर्व से ही 10 बालू घाटों के आवेदन लंबित हैं. एक दर्जन से अधिक आवेदन जल्द तैयार हो जायेंगे. जानकारी मिली है कि राज्यभर में बालू की किल्लत हो रही है.
बालू विकास कार्यों के लिए आवश्यक है. इसकी कमी से न केवल विकास कार्य प्रभावित होंगे बल्कि अवैध बालू उत्खनन और परिवहन होने लगेगा. सिया के गठन में विलंब से अन्य खनिजों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा. जेएसएमडीसी के एमडी सह खान सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने सरकार से जल्द सिया के गठन का आग्रह किया है ताकि इसी देने की प्रक्रिया आरंभ हो सके.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें