Advertisement
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा- असहमत होने का साहस पैदा कीजिए, जमीर के प्रति सच्चा रहें
नयी दिल्लीः सु्प्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने यहां गुजरात में एक विधि विश्वविद्यालय के छात्रों से कहा कि “असहमति का साहस” विकसित करें और आशावादी रहें व अपने जमीर के प्रति सच्चा रहें. गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (जीएनएलयू) के दीक्षांत समारोह में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने विधि छात्रों से कहा कि वे […]
नयी दिल्लीः सु्प्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने यहां गुजरात में एक विधि विश्वविद्यालय के छात्रों से कहा कि “असहमति का साहस” विकसित करें और आशावादी रहें व अपने जमीर के प्रति सच्चा रहें. गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (जीएनएलयू) के दीक्षांत समारोह में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने विधि छात्रों से कहा कि वे अपनी असफलताओं को संभालना सीखें और जीवन में रोज कुछ अच्छा करें.
उन्होंने कहा, सवाल करना याद रखिए. अक्सर जब हम अच्छे परिवारों में बड़े होते हैं तो हमें बताया जाता है कि आदेशों का पालन करें. लेकिन जैसे-जैसे आप जीवन में बड़े होते हैं, तो अपना रुख अख्तियार करना भी महत्वपूर्ण होता है. असहमत होइए. क्योंकि अपने विचारों को व्यक्त करने, असहमत होने, अलग मत रखने की शक्ति के जरिये ही आप दूसरों को रोक कर विचार करवा सकते हैं.
न्यायमूर्ति ने कहा, साहस एक वकील की पहचान है. और साहस से मेरा आशय सिर्फ सरकार के खिलाफ खड़े होने से नहीं है. मैं सिर्फ इस साहस की बात नहीं कर रहा हूं. जो लोग सरकार के खिलाफ खड़े होते हैं वह अखबार की सुर्खियां बना सकते हैं. लेकिन हम ऐसे नागरिक चाहते हैं जिनमें उन लोगों के लिये खड़े होने का साहस हो जो अपनी बात खुद नहीं रख सकते. जीएनएलयू के 10वें दीक्षांत समारोह में कुल 218 छात्रों को उपाधि प्रदान की गयी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement