19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पटना : ‘विवाद से विश्वास’ विधेयक में हो संशोधन

चैंबर का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के सदस्य से मिला पटना : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (नयी दिल्ली) के सदस्य प्रभाश शंकर को बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के एक प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष पीके अग्रवाल के नेतृत्व में मिल कर प्रत्यक्ष कर से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा. प्रभाश शंकर बुधवार को पटना […]

चैंबर का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के सदस्य से मिला
पटना : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (नयी दिल्ली) के सदस्य प्रभाश शंकर को बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के एक प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष पीके अग्रवाल के नेतृत्व में मिल कर प्रत्यक्ष कर से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा.
प्रभाश शंकर बुधवार को पटना पहुंचे थे. चैंबर अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने बताया कि चैंबर द्वारा सौंपे गये ज्ञापन में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के सदस्य से यह अनुरोध किया गया कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण द्वारा शुरू कीगयी ‘विवाद से विश्वास’ योजना के विधेयक में कुछ आवश्यक संशोधन किये जाएं, जिससे करदाता इस योजना का लाभ उठा सकें.
विवाद से मिली राहत : इससे एक ओर तो करदाताओं को विवाद से राहत मिलेगी और दूसरी ओर सरकार को राजस्व की प्राप्ति भी होगी. प्रतिनिधिमंडल में महामंत्री अमित मुखर्जी, कोषाध्यक्ष विशाल टेकरीवाल, वरीय सदस्य राजेश खेतान, सुनील सराफ, आशीष अग्रवाल, सुबोध जैन एवं आशीष प्रसाद शामिल थे.
आयकर अधिनियम के तहत विभिन्न अपीलेट फोरम में अपील के लिए वैधानिक समय सीमा इस प्रकार हैं-आयकर आयुक्त अपील के लिए 30 दिन, आयकर अपीलेट ट्रिब्यूनल के लिए 60 दिन एवं उच्च न्यायालय के लिए 120 दिन. अधिकाधिक कर विवाद के मामले के समाधान के लिए यह आवश्यक है कि ‘विवाद से विश्वास’ की अंतिम तिथि, जो 31 जनवरी, 2020 थी, उसमें आवश्यक संशोधन करके 31 मार्च तक किया जाये, जिससे कि जो करदाता इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, समय सीमा के अंदर अपील कर सकें. n कर विवाद समाधान योजना 1998 की तरह जिस प्रकार से आयकर आयुक्त के यहां यू/ एस 264 के अधीन लंबित मामलों का विस्तार किया गया था. उसी प्रकार से आवश्यक संशोधन कर योजना का भी विस्तार किया जाये.
‘विवाद से विश्वास’ योजना की बड़े पैमाने पर सफलता के लिए यह आवश्यक है कि कर विवाद समाधान योजना 1998 की तहत कर निर्धारण की प्रक्रिया को भी वर्तमान योजना में शामिल किया जाये. n करदाताओं को यह अवसर प्रदान किया जाना चाहिए कि अपीलेट ऑथरिटी के समक्ष उनका जो भी लंबित मामले हैं उन सभी का कर भुगतान कर विवादों का निपटारा करा लें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें