नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गयी है, जिसमें भारत में 10 लाख लोगों पर व्हाट्सएप भुगतान सेवा के कथित प्रयोग पर रोक लगाने का आग्रह किया गया है. गैर-सरकारी संगठन ‘सेंटर फॉर एकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टमेटिक चेंज’ (सीएएससी) ने अदालत से कहा कि व्हाट्सएप अब भी नियमों का पालन नहीं कर रहा है. इससे पहले संगठन ने शीर्ष अदालत से संपर्क कर दावा किया था कि व्हाट्सएप ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के परिपत्र का पूरी तरह पालन नहीं किया है, जिसमें डेटा के स्थानीयकरण की बात कही गयी है.
इसमें कहा गया कि आरबीआई के अनुसार, व्हाट्सएप डेटा स्थानीयकरण का पालन नहीं कर रहा है, लेकिन फिर भी 10 लाख उपभोक्ताओं अपनी भुगतान सेवा प्रणाली का प्रयोग जारी रखे हुए है. इसके अलावा, यह भी पता चला है कि आरबीआई के डेटा स्थानीयकरण नियमों के पूर्ण अनुपालन के बारे में संदेश आदान-प्रदान एप द्वारा इस अदालत को रिपोर्ट न सौंपे जाने के बावजूद और भी उपभोक्ताओं पर व्हाट्सएप भुगतान क्रियान्वित किया जायेगा.
याचिका में कहा गया कि 10 लाख भारतीयों का वित्तीय और अन्य व्यक्तिगत संवेदनशील डेटा भारत से बाहर नहीं रखा जा सकता. व्हाट्सएप ने पूर्व में शीर्ष अदालत को बताया था कि वह अपनी भुगतान सेवा का परीक्षण कर रहा है और पूर्ण सेवा की शुरुआत करने से पहले आरबीआई के नियमों का पालन करेगा. केंद्र ने कहा था कि व्हाट्सएप डेटा स्थानीयकरण का पालन नहीं कर रहा है, जो आरबीआई के शपथपत्र से स्पष्ट है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.