धनबाद : गैरों पर रहम, अपनों पर सितम… यह गीत धनबाद रेल मंडल अस्पताल पर पूरी तरह फिट बैठता है. रेलवे की राशि से कई निजी कॉरपोरेट अस्पताल मालामाल हो रहे हैं और रेलवे का 95 वर्ष पुराना धनबाद मंडल अस्पताल बदहाल होता जा रहा है. मरीजों को बेहतर इलाज की व्यवस्था अपने अस्पताल में करने में रेल अस्पताल की रुचि नहीं है. यह किसी का आरोप नहीं, बल्कि सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत उपलब्ध आंकड़े बताते हैं.
Advertisement
धनबाद रेल मंडल ने दाे साल में निजी अस्पतालाें काे दे दिये ” 14.83 करोड़
धनबाद : गैरों पर रहम, अपनों पर सितम… यह गीत धनबाद रेल मंडल अस्पताल पर पूरी तरह फिट बैठता है. रेलवे की राशि से कई निजी कॉरपोरेट अस्पताल मालामाल हो रहे हैं और रेलवे का 95 वर्ष पुराना धनबाद मंडल अस्पताल बदहाल होता जा रहा है. मरीजों को बेहतर इलाज की व्यवस्था अपने अस्पताल में […]
वर्ष 2018 एवं वर्ष 2019 में धनबाद रेल मंडल से 2914 मरीज रेफर हुए. उनके इलाज के बदले अस्पतालों को 14.83 कराेड़ रुपये का भुगतान हुआ. जानकार कहते हैं : अगर यह राशि धनबाद रेल मंडल अस्पताल की दशा सुधारने पर खर्च की जाती, तो स्थिति कुछ और होती. वर्ष 1925 में स्थापित इस रेल मंडल अस्पताल पर धनबाद रेल मंडल के 22 हजार से अधिक कर्मी, अधिकारी निर्भर हैं. आज हालत यह हो गयी है छोटी-छोटी बीमारियों तथा पैथोलॉजिकल टेस्ट के लिए रेलकर्मियों व अधिकारियों को दूसरे अस्पताल व जांच घर जाना पड़ता है.
अस्पताल में सुविधाओं का टोटा
मंडल रेल अस्पताल में सुविधाओं का टोटा है. अस्पताल में एक आइसीयू वार्ड है. इस वार्ड में छह केबिन हैं, लेकिन कोई अत्याधुनिक उपकरण नहीं होने के कारण मरीजों को परेशानी होती है. इसके अलावा पैथोलॉजी जांच की व्यवस्था लगभग बंद हो चुकी है. शहर के कई निजी पैथोलॉजी लैब में कर्मचारियों व उनके परिजनों को बाहर जांच करवानी पड़ती है, जबकि अभी हाल में ही अस्पताल में चल रहे डेंटल विभाग को बंद कर दिया गया. कुछ साल पहले बर्न विभाग पूरी तरह से बंद हो चुका है. इसके साथ ही अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ व रेडियोलॉजिस्ट की कमी है. ऐसे में रेल कर्मचारियों को दूसरे अस्पताल के भरोसे रहने पर मजबूर होते हैं.
चार अस्पताल में होते हैं रेफर
धनबाद रेल मंडल से मरीजों को झारखंड व बिहार के छह अस्पतालों को रेफर किया गया है. इनमें धनबाद के असर्फी अस्पताल, द मिशन अस्पताल दुर्गापुर, मेदांता अस्पताल रांची, देवकमल अस्पताल रांची के अलावा पटना (बिहार) के पारस व रुबाना अस्पताल शामिल हैं. 2018 व 2019 में जनवरी माह से लेकर दिसंबर माह तक कुल 2914 मरीजों को इन अस्पतालाें में रेफर किया गया. इसके एवज में रेलवे प्रशासन ने इन अस्पतालों को 14 करोड़ 82लाख 98 हजार 662 रुपये का भुगतान किया है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement