दुर्जय पासवान, गुमला
उपायुक्त शशि रंजन ने मंगलवार को अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित साप्ताहिक जनता दरबार में जिला के विभिन्न क्षेत्रों से आये फरियादियों की समस्यायें सुनी और उसके समाधान का आश्वासन दिया. जनता दरबार में राजकीयकृत मध्य विद्यालय गढ़टोली गुमला के सहायक शिक्षक सत्यानारायण सिंह की पत्नी सुमित्रा सिंह ने अपने पति को वेतन नहीं मिलने के कारण परिवार में उत्पन्न अर्थिक तंगी की जानकारी देते हुए वेतन भुगतान कराने और समीप के विद्यालय में पति का स्थानांतरण कराने की मांग की.
सुमित्रा सिंह ने बताया है कि मेरे पति सत्यनारायण सिंह सहायक शिक्षक राजकीयकृत मध्य विद्यालय गढ़टोली गुमला में प्रतिनियुक्त हैं. उनका पिछले सात माह से वेतन लंबित है. जिसके कारण मेरे परिवार को गंभीर आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है और भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. आर्थिक तंगी के कारण बच्चों के पढ़ाई-लिखाई भी प्रभावित हो रही है. पति बीमार हैं. परंतु पैसे के अभाव में उनका इलाज भी नहीं हो पा रहा है.
वहीं घाघरा प्रखंड के खंभिया कुंबाटोली गांव की सोनामती कुमारी ने अपनी गरीबी का हवाला देते हुए बीमारी के इलाज, पढ़ाई-लिखाई एवं कंप्यूटर शिक्षा के लिए सहयोग करने की मांग की. घाघरा प्रखंड के ही बेती जुगनुटोली ग्राम निवासी तेंबा उरांव ने अपने पुत्र की हुई हत्या का अबतक मुआवजा राशि नहीं मिलने की शिकायत की. बताया कि छह नवंबर 2019 को छोटे पुत्र नारायण उरांव की मारपीट कर हत्या करने के बाद शव कुआं में डाल दिया गया था इस संबंध में घाघरा थाना में प्राथमिकि दर्ज कराये हैं. परंतु अभी तक किसी प्रकार की सरकारी मुआवजा राशि नहीं मिली है.
इसके अलावा 32 अन्य फरियादियों ने भी उपायुक्त को अपनी-अपनी समस्या से अवगत कराते हुए समस्या का निष्पादन करने की मांग की. जिस पर उपायुक्त ने संबंधित विभाग के माध्यम से समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया.
पुलिस जवान ने सहारा देकर वृद्ध को पहुंचाया
रायडीह प्रखंड के मांझाटोली छतरपुर गांव की बिरसमुनी देवी वृद्ध होने के कारण चलने फिरने में लाचार है. वह मंगलवार को डीसी के पास पेंशन व बैशाखी मांगने पहुंची थी. वह किसी प्रकार सीढ़ी चढ़कर डीसी कार्यालय तक पहुंच गयी. परंतु लाचार होने के कारण वह आगे चलने में असमर्थ थी. अंत में गुमला डीसी के अंगरक्षक पुलिस जवान ने उक्त वृद्ध महिला को सहारा देकर डीसी के जनता दरबार तक पहुंचाया.
वृद्ध महिला की स्थिति देखकर डीसी का भी दिल पिघल गया. उन्होंने पहली महिला की अपबीती सुनी. इसके बाद उन्होंने समाज कल्याण पदाधिकारी को फोन कर बैशाखी उपलब्ध कराने के लिए कहा. परंतु तत्काल में बैशाखी नहीं मिला. डीसी ने वृद्ध महिला से कहा कि आप बुधवार को जरूर आईये. आपको बैशाखी देंगे. साथ ही डीसी ने पेंशन भी दिलाने का आश्वासन दिया.