गिरिडीह : सर जेसी बोस बालिका उच्च विद्यालय परिसर स्थित आदिवासी छात्रावास में रहने वाली छात्राओं को 24 घंटे सुरक्षा देने का पुलिस का वादा खोखला साबित हो रहा है. इससे छात्रावास में रहने वाली छात्राएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं. अगर जल्द ही पुलिस प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कोई ठोस पहल नहीं की तो आने वाले दिनों में यहां रहने वाली छात्राओं के लिए यह एक बड़ी समस्या बन सकती है.
बता दें कि झंडा मैदान के समीप स्थित सर जेसी बोस बालिका उच्च विद्यालय में अवस्थित आदिवासी बालिका छात्रावास में रविवार की देर रात को कुछ असामाजिक तत्वों ने प्रवेश करने का प्रयास किया. हालांकि, छात्राओं को जैसे ही इसकी भनक लगी तो छात्राएं खुद हाथों में लाठी-डंडे व टॉर्च लेकर अपने-अपने कमरों से बाहर निकल गयीं. छात्राओं के हौसले देख असामाजिक तत्व वहां से भाग खड़े हुए.
क्या कहती हैं छात्राएं : छात्रावास में रहने वाली छात्राएं प्रियंका मरांडी, पूजा किस्कू, संगीता मरांडी, सोनल मरांडी, प्रमिला मरांडी, अनिता मुर्मू आदि ने बताया कि रविवार की रात करीब 9.20 बजे अचानक छात्रावास के दरवाजे को कुछ लोग जोर-जोर से पीट रहे थे. साथ ही कुछ लोग छात्रावास के पीछे से भी घुसने का प्रयास कर रहे थे. जब हमलोगों को दरवाजा पटकने की आवाज सुनायी दी तो हम सभी अपने-अपने कमरों से बाहर निकल गये, लेकिन हमें डर भी लग रहा था तो इसलिए हमलोग अपने हाथों में लाठी-डंडा भी ले लिया था. टॉर्च की रौशनी से हमसभी ने पूरे छात्रावास परिसर में घूम-घूम कर देखा तो वहां से सभी भाग चुके थे.
सुरक्षा भगवान भरोसे : झंडा मैदान के समीप स्थित सरजेसी बोस बालिका उच्च विद्यालय में स्थित आदिवासी बालिका छात्रावास की छात्राओं की सुरक्षा भगवान भरोसे है. यहां न तो इंचार्ज है और न ही सुरक्षा गार्ड. यहां की चहारदीवारी भी काफी छोटी है, जिसे कोई भी आसानी से फांद सकता है. कई बार छेड़खानी की भी घटनाएं घट चुकी हैं. बावजूद अभी तक न ही संबंधित विभाग के पदाधिकारियों और न ही पुलिस प्रशासन ने कोई ठोस पहल की है. छात्रावास में करीब 100 से अधिक की संख्या में छात्राएं रहती हैं .
स्कूल परिसर में है पुलिस पिकेट : जेसी बोस स्कूल के परिसर में एक पुलिस पिकेट है, लेकिन वहां सुबह 10 बजे सेलेकर शाम छह बजे तक ही पुलिस वाले रहते हैं.