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अपराधियों की तलाश में कभी दूधवाला तो कभी हॉकर बन रही पुलिस

पेटीएम में केवाइसी अपटेड कराने के नाम पर रोजाना ठगे जा रहे दर्जनों लोग शहर के विभिन्न थानों में शिकायतों की संख्या 115 के पार, हाथ आये सिर्फ पांच आरोपी कोलकाता : पेटीएम केवाइसी अपडेट कराने के नाम पर दर्जनों लोग 45 से 65 हजार रुपये तक ऑनलाइन ठगी के माध्यम से गंवा रहे हैं. […]

पेटीएम में केवाइसी अपटेड कराने के नाम पर रोजाना ठगे जा रहे दर्जनों लोग

शहर के विभिन्न थानों में शिकायतों की संख्या 115 के पार, हाथ आये सिर्फ पांच आरोपी
कोलकाता : पेटीएम केवाइसी अपडेट कराने के नाम पर दर्जनों लोग 45 से 65 हजार रुपये तक ऑनलाइन ठगी के माध्यम से गंवा रहे हैं. कोलकाता पुलिस के एंटी बैंक फ्रॉड विभाग की टीम ने रविवार को झारखंड के जामताड़ा व देवघर से ठगी से जुड़े पांच सदस्यों को दो अलग मामलों में गिरफ्तार किया.
कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार सूत्रों के मुताबिक महानगर में दर्जनों की संख्या में इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं, ऐसी स्थिति में सिर्फ पांच गिरफ्तारियां पर्याप्त नहीं हैं. एंटी बैंक फ्रॉड की टीम गत दो महीने से जामताड़ा, धनबाद व देवघर के विभिन्न ठिकानों में सूचना के आधार पर कभी हॉकर तो कभी दूधवाले के वेश में बदमाशों की तलाश में छापेमारी कर रही है. महानगर के विभिन्न थानों में दर्ज इस तरह की 115 से ज्यादा शिकायतें मिल चुकी हैं. ऐसे में गिरफ्तारियां काफी कम हो रही हैं.
इसके कारण इससे जुड़े बाकी मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी एक बड़ी चुनौती बन कर उभरी है. पुलिस सूत्र बताते हैं कि इस तरह का जितना भी मामला है, उन मामलों को सिर्फ मोबाइल के इस्तेमाल से अंजाम दिया गया है, इसके कारण आरोपियों तक पहुंचने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की ही मदद ले पा रहे हैं. मुखबिरों की मदद से जब वे अपराधियों तक पहुंचते हैं तो कुछ ऐसे मामले सामने आये हैं, जहां गांववालों को सामने कर अपराधी भागने में सफल हो गये.
कई मामलों में 12 से 15 वर्ष के बच्चे निकले आरोपी
जांच में कई मामले ऐसे भी सामने आये, जिसमें जब वे अपराधी तक पहुंचे तो वह 12 से 15 वर्ष के किशोर निकले. लिहाजा उन्हें समझा कर व परिवार के सदस्यों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया. स्थानीय थानों को भी इसके बारे में सूचित कर दिया गया, जिससे भविष्य में इनकी हरकतों पर पुलिस निगरानी रख सके.
लोगों को जागरूक कर रही पुलिस
इस मामले में कोलकाता पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मुरलीधर शर्मा ने बताया कि इस तरह के गिरोह के झांसे में आने से बचने के लिए सोशल मीडिया में पुलिस विभिन्न तरीके से लोगों को जागरूक कर रही है. वे क्या करें, क्या ना करें, इसे भी उन्हें समझाया जा रहा है. उधर इससे जुड़े अपराधियों की ज्यादा से ज्यादा गिरफ्तारी हो, वे इसका भी प्रयास कर रहे हैं, जिससे अपराधियों को एक सख्त संदेश मिल सके.

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