17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

निर्भया गैंगरेप मामला: दोषियों को अलग-अलग फांसी होगी या नहीं?

<figure> <img alt="निर्भया गैंगरेप के दोषी" src="https://c.files.bbci.co.uk/699A/production/_110743072_98df4013-4d87-47aa-b2d7-036d2b8b606f.jpg" height="549" width="976" /> <footer>delhi police</footer> <figcaption>पवन गुप्ता, विनय शर्मा, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह</figcaption> </figure><p>निर्भया गैंगरेप के दोषियों को अलग-अलग फांसी दी जा सकती है या नहीं इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में रविवार को सुनवाई हुई. रविवार को कोर्ट की छुट्टी होती है, लेकिन मामले की […]

<figure> <img alt="निर्भया गैंगरेप के दोषी" src="https://c.files.bbci.co.uk/699A/production/_110743072_98df4013-4d87-47aa-b2d7-036d2b8b606f.jpg" height="549" width="976" /> <footer>delhi police</footer> <figcaption>पवन गुप्ता, विनय शर्मा, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह</figcaption> </figure><p>निर्भया गैंगरेप के दोषियों को अलग-अलग फांसी दी जा सकती है या नहीं इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में रविवार को सुनवाई हुई. रविवार को कोर्ट की छुट्टी होती है, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए छुट्टी के दिन भी मामले की सुनवाई हुई जिसके बाद अदालत ने अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया.</p><p>इससे पहले पटियाला हाऊस कोर्ट के 1 फ़रवरी की फांसी के आदेश को अगले आदेश तक टालने के ख़िलाफ़ केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. तिहाड़ जेल अधिकारियों ने भी कोर्ट से मामले की जल्द सुनवाई की गुज़ारिश की थी.</p><p>अब तक मामले में चारों दोषियों – मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता की फाँसी को दो बार टाला जा चुका है. </p><p>इन चारों को 22 जनवरी को फांसी दी जानी चाहिए थी लेकिन एक दोषी की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित होने के कारण फांसी की तारीख़ टाल दी गई थी. बाद में कोर्ट ने फांसी के लिए 1 फरवरी का दिन मुक़र्रर किया, लेकिन फिर इसे अगले आदेश तक टाल दिया गया.</p><p>रविवार को सरकारी महाधिवक्ता तुषार मेहता ने हाई कोर्ट से कहा कि &quot;दोषी जानबूझकर एक-एक कर प्रक्रिया का लाभ उठाकर फांसी में देरी करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन फांसी देने में देरी नहीं की जानी चाहिए.&quot;</p><p>मेहता ने कहा कि &quot;एक बार जब सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों के भाग्य का फ़ैसला कर दिया है तो उन्हें अलग-अलग भी फांसी की सज़ा दी जा सकती है.&quot;</p><p>उन्होंने कहा, &quot;दिल्ली जेल नियमावली के अनुसार अगर एक से अधिक लोगों को एक साथ फांसी तभी दी जा सकती है जब उनकी अपील या कोई एप्लिकेशन लंबित हो, लेकिन ये नियम दया याचिका पर लागू नहीं होता. वो इससे अलग हैं.&quot;</p><p>मेहता ने कोर्ट से गुज़रिश की कि समाज और न्याय के हित में फांसी के फ़ैसले को आगे और टाला नहीं जाना चाहिए.</p><p>उन्होंने आरोप लगाया कि निर्भया के दोषी फांसी टालने के लिए क़ानूनी प्रक्रिया का इस्तेमाल कर रहे हैं और क़ानून के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.</p><table><tr><td><p>मुकेश सिंह</p></td><td><p>क्यूरेटिव पिटीशन- ख़ारिज</p></td><td><p>दया याचिका – ख़ारिज</p></td></tr><tr><td><p>विनय शर्मा</p></td><td><p>क्यूरेटिव पिटीशन- ख़ारिज</p></td><td><p>दया याचिका – ख़ारिज</p></td></tr><tr><td><p>अक्षय कुमार सिंह</p></td><td><p>क्यूरेटिव पिटीशन- ख़ारिज</p></td><td><p>दया याचिका – अभी विचाराधीन है</p></td></tr><tr><td><p>पवन गुप्ता</p></td><td><p>क्यूरेटिव पिटीशन- दायर नहीं की</p></td><td><p>दया याचिका – दायर नहीं की</p></td></tr></table><p>अक्षय कुमार सिंह, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की ओर से वकील एपी सिंह ने कोर्ट में दलील पेश की और कहा कि डेथ वॉरन्ट जारी करने के लिए न ही सुप्रीम कोर्ट ने और न ही संविधान में कोई तय समयसीमा है.</p><p>एपी सिंह ने कहा, &quot;शत्रुघ्न सिंह चौहान के मामले में आए फ़ैसले में कोर्ट ने कहा था कि दया याचिका के ख़ारिज होने के बाद दोषी को 14 दिन का वक़्त दिया जाना चाहिए.&quot;</p><p>उन्होंने कोर्ट से कहा कि मौत की सज़ा से कुछ हासिल नहीं होगा इसलिए वो अपने मुवक्किलों की सज़ा को उम्रक़ैद की सज़ा में तब्दील करने की गुज़ारिश करते हैं.वहीं, मुकेश सिंह की तरफ़ से वकील रेबेका जॉन ने कहा कि जिसे मौत की सज़ा मिली है उसके भी अधिकार हैं और अपनी आख़िरी सांस तक वो अपने बचाव के लिए क़ानूनी रास्ते अपना सकता है.</p><p>उन्होंने कोर्ट से कहा कि चारों दोषियों को एक साथ फांसी देने का आदेश था पर अलग-अलग फांसी देने पर अधिक स्पष्टता के लिए शत्रुघ्न सिंह चौहान मामले के फ़ैसले पर सुप्रीम कोर्ट से क्लेरिफ़िकेशन मांगा गया है. जब तक ये एप्लिकेशन लंबित है फांसी नहीं दी सकती.</p><p>सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने फ़ैसला सुरक्षित रख लिया है.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51096552?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">निर्भया गैंगरेप: क्या है क्यूरेटिव पिटिशन, जिसका सहारा लेकर बचना चाहते हैं दोषी</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51031671?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">पटना में बीच चौराहे से छात्रा को अगवा कर ‘गैंगरेप'</a></li> </ul><h3>इस मामले से जुड़ी अहम तारीख़ें और फ़ैसले</h3><p>2 फ़रवरी 2020 : केंद्र सरकार ने फांसी टालने के पटियाला हाउस कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल की. </p><p>31 जनवरी 2020 : दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता की फाँसी अगले आदेश तक टाली. जज ने कहा, क़ानूनी प्रक्रिया के तहत अपनी शिकायत का समाधान मांगना किसी भी सभ्य समाज की विशेषता है.</p><p>28 जनवरी 2020 : मुकेश कुमार सिंह की दया याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई. कोर्ट ने फ़ैसला सुरक्षित रखा.</p><p>17 जनवरी 2020 : मुकेश सिंह की दया याचिका को राष्ट्रपति ने ख़ारिज किया. नया डेथ वॉरंट जारी. फांसी देने के लिए 1 फ़रवरी को सुबह 6 बजे का वक़्त तय किया गया.</p><p>15 जनवरी 2020 : दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को बताया 22 जनवरी को फांसी नहीं हो सकती क्योंकि एक दोषी की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है. 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फ़ैसले में कहा था कि राष्ट्रपति की ओर से दया याचिका ख़ारिज होने के बाद भी अभियुक्तों को कम से कम 14 दिनों की मोहलत मिलना ज़रूरी है.</p><p>14 जनवरी 2020 : सुप्रीम कोर्ट ने विनय कुमार शर्मा और मुकेश सिंह की क्यूरेटिव पिटिशन को ख़ारिज कर दिया.</p><p>8 जनवरी 2020 : दोषी विनय कुमार ने सबसे पहले क्यूरेटिव पिटिशन दायर की. इसके बाद मुकेश सिंह ने भी क्यूरेटिव पिटिशन दायर की.</p><p>7 जनवरी 2020 : चारों दोषियों का डेथ वॉरंट जारी. पटियाला हाउस कोर्ट ने फांसी के लिए 22 जनवरी, 2020 की तारीख़ सुबह सात बजे का समय तय किया.</p><p>13 दिसंबर 2019 : निर्भया की मां की ओर से पटियाला हाउस कोर्ट में फांसी की तारीख़ तय करने को लेकर एक याचिका दायर की गई थी. जिसमें चारों दोषी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा पटियाला हाउस कोर्ट में पेश हुए.</p><p>12 दिसंबर 2019 : तिहाड़ जेल प्रशासन ने उत्तर प्रदेश जेल प्रशासन को जल्लाद मुहैया कराने के लिए अनुरोध किया.</p><p>6 दिसंबर 2019 : केंद्र सरकार ने एक दोषी की दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी और नामंज़ूर करने की सिफ़ारिश की.</p><p>जुलाई 2018 : सुप्रीम कोर्ट ने तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50758353?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">निर्भया गैंगरेप- वो जो दोषी ठहराए गए </a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51194399?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">क्या पहले से ‘सख़्त’ हो गए हैं भारत के राष्ट्रपति?</a></li> </ul><p>मई 2017 : सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट और ट्रायल कोर्ट की फांसी की सज़ा को बरक़रार रखा.</p><p>मार्च-जून 2014 : अभियुक्तों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की और सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला आने तक फांसी पर रोक लगा दी.</p><p>13 मार्च 2014 : दिल्ली हाई कोर्ट ने फांसी की सज़ा को बरक़रार रखा.</p><p>13 सितंबर 2013 : ट्रायल कोर्ट ने चार बालिग़ अभियुक्तों को दोषी क़रार देते हुए फांसी की सज़ा सुनाई.</p><p>31 अगस्त 2013 : जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग़ अभियुक्त को दोषी माना और तीन साल के लिए बाल सुधार गृह भेजा.</p><p>11 मार्च 2013 : अभियुक्त राम सिंह की तिहाड़ जेल में संदिग्ध हालत में मौत. पुलिस का कहना है कि उसने आत्महत्या की, लेकिन बचाव पक्ष के वकील और परिजनों ने हत्या के आरोप लगाए थे.</p><p>29 दिसंबर 2012 : सिंगापुर के एक अस्पताल में पीड़िता की मौत. शव को वापस दिल्ली लाया गया.</p><p>17 दिसंबर 2012 : मुख्य अभियुक्त और बस ड्राइवर राम सिंह को गिरफ़्तार कर लिया गया. अगले कुछ दिनों में उनके भाई मुकेश सिंह, जिम इंस्ट्रक्टर विनय शर्मा, फल बेचने वाले पवन गुप्ता, बस के हेल्पर अक्षय कुमार सिंह और एक 17 वर्षीय नाबालिग़ को गिरफ़्तार किया गया.</p><p>16 दिसंबर 2012 : 23 वर्षीय फ़िज़ियोथेरेपी छात्रा के साथ चलती बस में छह लोगों ने गैंगरेप किया. छात्रा के पुरुष मित्र को बुरी तरह पीटा गया और दोनों को सड़क किनारे फेंक दिया गया.</p><p>इस मामले में छह लोग पकड़े गए थे और अदालत ने उन्हें दोषी पाया. एक दोषी ने सज़ा काटने के दौरान जेल में आत्महत्या कर ली थी. जबकि एक नाबालिग़ था, तो उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया था. जबकि बाक़ी चारों के ख़िलाफ़ डेथ वॉरंट जारी किया जा चुका है.</p><p>राम सिंह को इस मामले में मुख्य संदिग्ध बताया गया था जिसने मार्च 2013 में तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.</p><figure> <img alt="निर्भया गैंगरेप मामला" src="https://c.files.bbci.co.uk/90AA/production/_110743073_98d9cd61-459c-464e-95fa-311595d0bf13.jpg" height="624" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>क्या हुआ था निर्भया के साथ</h3><p>साल 2012 में दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की छात्रा के साथ गैंगरेप किया गया था.</p><p>बुरी तरह घायल छात्रा को सड़क किनारे फेंक दिया गया था. कई दिनों तक चले इलाज के बाद छात्रा की सिंगापुर में मौत हो गई थी.</p><p>इस घटना के बाद राजधानी दिल्ली समेत देशभर में व्यापक प्रदर्शन हुए थे.</p><p>निर्भया मामले के सामने आने के बाद भारत सरकार ने जस्टिस वर्मा समिति का गठन कर महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के क़ानूनों की समीक्षा की थी.</p><p>साल 2013 में क़ानूनों में संशोधन कर बलात्कार के जघन्य मामलों में मौत की सज़ा देने का प्रावधान जोड़ा गया था.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें