नयी दिल्ली : निवेश और लोक परिसंपत्ति विभाग (दीपम) के सचिव तुहीन कांत पांडेय ने कहा है कि घाटे में चल रही सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया और तेल कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के खरीदारों को अतिरिक्त कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की खुली छूट नहीं होगी. सरकार शेयर बिक्री समझौते में कर्मचारियों की सुरक्षा तय करेगी.
आम तौर पर माना जाता है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में उसी क्षेत्र की निजी कंपनियों के मुकाबले कर्मचारियों की संख्या अधिक होती है. ऐसे में माना जा रहा है कि जो कंपनियां इन सार्वजनिक उपक्रमों को खरीदना चाहती है, वे कर्मचारियों की संख्या को युक्तिसंगत बनाने के लिए कुछ को हटा सकती हैं.
पांडेय ने कहा कि एयर इंडिया और बीपीसीएल में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिये सरकार दो स्तरीय बोली प्रक्रिया का अनुकरण करेगी. पहला संभावित बोलीदाताओं से रूचि पत्र आमंत्रित किये जायेंगे. उसके बाद उन्हें कंपनियों की जांच-परख के लिए आंकड़ों तक पहुंच दी जायेगी. दूसरे चरण में कीमत बोली आमंत्रित की जायेगी. एयर इंडिया के मामले में रुचि पत्र (ईओआई) 17 मार्च तक आमंत्रित किया गया है.
वहीं, बीपीसीएल के लिए बोली अगले कुछ दिनों में मंगाये जाने की संभावना है. यह पूछे जाने पर कि क्या बोलीदाताओं को अधिग्रहण के बाद कर्मचारियों को निकालने की अनुमति दी जायेगी? इसके जवाब में पांडेय ने कहा कि कर्मचारियों के लिए कुछ सुरक्षा उपाय किये जायेंगे और कुछ अन्य शर्तें होंगी. इसे शेयर खरीद समझौते में रखा जायेगा.
हालांकि, उन्होंने शर्तों के बारे में विस्तार से नहीं बताया. शेयर खरीद समझौते (एसपीए) पर वह कंपनी हस्ताक्षर करेगी, जो सरकारी हिस्सेदारी खरीदने को लेकर सबसे ऊंची बोली लगायेगी. सरकार एयर इंडिया में अपनी पूरी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है, लेकिन वह चाहती है कि इसका प्रभावी नियंत्रण भारतीय नागरिकों के पास होगा.
वहीं, बीपीसीएल के मामले में सरकार अपनी पूरी 53.29 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है. बीपीसीएल खरीदने वाली कंपनी को देश की 14 फीसदी तेल रिफाइनिंग क्षमता एक झटके में हासिल हो जायेगी. बीपीसीएल के मूल्यांकन को लेकर चिंता के बारे में पूछे जाने पर सचिव ने कहा कि विभाग के पास मूल्यांकन का तरीका है.
उन्होंने कहा कि एक स्वतंत्र संपत्ति मूल्यांकनकर्ता होगा और उसके बाद सौदा सलाहकार होगा. वे मूल्यांकन कार्य करेंगे. उसके बाद मूल्य पर पहुंचा जायेगा, लेकिन इस मूल्यांकन या आरक्षित मूल्य का तबतक खुलासा नहीं होगा, जब तक वित्तीय बोलियां नहीं मंगायी जाती. सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कंपनी के कर्मचारी संगठनों ने देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल कंपनी बीपीसीएल के निजीकरण का विरोध किया है. उनका कहना है कि इसका मूल्य 9 लाख करोड़ रुपये है और उसे मामूली राशि के लिए बेचा जा रहा है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.