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Budget 2020 : छोटे उद्योग को बढ़ावा, देश का हर जिला बनेगा एक्सपोर्ट हब

कॉमर्स और इंडस्ट्री को प्रमोट के लिए 27,300 करोड़ रुपये होंगे खर्च न्यूजप्रिंट पर अब 5% आयात शुल्क न्यूजप्रिंट (अखबारी कागज) पर आयात शुल्क घटाकर पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव है. पिछले बजट में न्यूजप्रिंट और हल्के कोटेड कागज पर 10% का सीमा शुल्क लगाया गया था. सीतारमण ने कहा कि मुझे बताया गया है […]

कॉमर्स और इंडस्ट्री को प्रमोट के लिए 27,300 करोड़ रुपये होंगे खर्च
न्यूजप्रिंट पर अब 5% आयात शुल्क
न्यूजप्रिंट (अखबारी कागज) पर आयात शुल्क घटाकर पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव है. पिछले बजट में न्यूजप्रिंट और हल्के कोटेड कागज पर 10% का सीमा शुल्क लगाया गया था. सीतारमण ने कहा कि मुझे बताया गया है कि इस शुल्क से मुश्किल समय में प्रिंट मीडिया पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है.
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति शीघ्र
एकल खिड़की वाले इ-लॉजिस्टिक्स बाजार का गठन करने, रोजगार सृजन को बढ़ावा देने तथा एमएसएमइ को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए जल्दी ही एक राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति लायी जायेगी. इससे एकल खिड़की वाले इ-लॉजिस्टिक्स बाजार का सृजन होगा तथा एमएसएमइ प्रतिस्पर्धी बनेंगे. रोजगार बढ़ेगा.
कोयला : 18,121 करोड़ निवेश का लक्ष्य
कोयला मंत्रालय को 882 करोड़ रुपये मिला,जो वित्तीय वर्ष 2019-20 से (933.60 करोड़) से कम है. कोल इंडिया समेत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में निवेश के लिए 18,467 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया है. वित्त वर्ष 2019-20 के संशोधित अनुमान में इन कंपनियों में निवेश का अनुमान 18,121 करोड़ रुपये है.
नयी दिल्ली : इस बार बजट इंडस्ट्री और कॉमर्स के विकास पर जोर दिया गया है साथ ही निर्यात पर भी फोकस किया गया है. इंडस्ट्री और कॉमर्स को प्रमोट करने के लिए 27,300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. वहीं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए देश के सभी जिलों को एक्पोर्ट हब के रूप में विकसित करने का फैसला किया गया है, ताकि घरेलू कंपनियां अपने उत्पाद को आसानी से दूसरे देश में पहुंचा सके. इससे छोटे कंपनियों को काफी फायदा मिलेगा. इसके अलावा दूर-दराज इलाकों में भी कंपनियां नये प्रोजेक्ट की स्थापना कर सकेगी.
बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उद्योग, वाणिज्य और निवेश बहुत अहम हैं. 4000 साल पहले स्थापित सिंधू सभ्यता सामने आयी थी. अब देश के युवा इस क्षेत्र में काम करना चाहते हैं उन्हें आसान निवेश में मदद मिलेगी. निवेश को आसान बनाने के लिए एक सेल बनाया जायेगा.
छोटे निर्यातकों के लिए सरकार लायेगी निर्विक योजना
छोटे निर्यातकों को प्रोत्साहित करने के लिए नयी स्कीम निर्विक की स्थापना की जायेगी, जिसकी मदद से क्लैम सैटलमेंट को आसान बनाया जा सकेगा. आयात होने वाले सामान पर वित्त मंत्री ने इसी साल से टैक्स बढ़ाने का ऐलान किया है. वित्त मंत्री ने मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक्स भारत में बनाने पर जोर दिया और इसके लिए उद्योगों को प्रेरित किया.
सरकार उद्यमियों के लिए निवेश मंजूरी प्रकोष्ठ बनायेगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को उद्यमियों के लिए निवेश मंजूरी प्रकोष्ठ के गठन का प्रस्ताव किया है. वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि इस प्रकोष्ठ के जरिये उद्यमियों को जमीन (लैंड बैंक) और मंजूरियों के बारे निवेश पूर्व सलाह और सूचना दी जायेगी. वित्त मंत्री ने कहा कि मैं निवेश मंजूरी प्रकोष्ठ के गठन का प्रस्ताव करती हूं, जो निवेश पूर्व सलाह देगा. यह प्रकोष्ठ उद्यमियों को जमीन तथा केंद्र और राज्य स्तर पर मंजूरियां कैसे हासिल करनी हैं इसके बारे में जानकारी देगा. उन्होंने कहा कि यह प्रकोष्ठ एक पोर्टल के जरिये काम करेगा.
क्वांटम प्रौद्योगिकी के लिए Rs 8,000 करोड़ का प्रावधान
नयी दिल्ली : सरकार ने क्वांटम कम्प्यूटिंग और अनुप्रयोगों के राष्ट्रीय मिशन के तहत क्वांटम कम्प्यूटिंग से जुड़ी तकनीकों के विकास के लिए 8,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. “क्वांटम प्रौद्योगिकी कम्प्यूटिंग, संचार, साइबर सुरक्षा में नये अनुप्रयोगों का प्रसार कर रही है.
इलेक्ट्रॉनिक्स तथा आइटी मंत्रालय ने 27 संभावित क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान के लिए इजरायल के साथ एक समझौता किया है, जिसमें क्वांटम कंप्यूटिंग शामिल है. सीतारमण ने कहा, “यदि हम क्वांटम प्रौद्योगिकी से संबंधित कंप्यूटिंग और अन्य अनुप्रयोगों की इस तकनीक में कामयाबी पाने में सक्षम हुए, तो भारत ऐसा करने वाला शायद तीसरा सबसे बड़ा और अग्रणी देश होगा.
एमएसएमइ
टर्नओवर पांच करोड़ से कम तो ऑडिट नहीं
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमइ) क्षेत्र के अंतर्गत छोटे खुदरा विक्रेता, व्यापारी, दुकानदारों को बड़ी राहत दी गयी है. लेखा परीक्षण के लिए टर्नओवर की सीमा 5 गुणा बढ़ा कर पांच करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया है. वर्तमान में यह सीमा एक करोड़ रुपये है. वर्तमान में जिन उद्यमों का टर्नओवर एक करोड़ रुपये से अधिक है, उन्हें अपने खाते-बही का लेखा परीक्षण किसी लेखा अधिकारी से करवाना होता है.
स्टार्टअप
टर्नओवर की लिमिट 25 करोड़ से बढ़ा कर 100 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव
स्टार्ट अप में बदलाव किये गये हैं. 25 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाले को यदि कुल कारोबार 25 करोड़ रुपये से अधिक न हो, तो सात वर्षों में से लगातार तीन निर्धारण वर्षों के लिए अपने लाभ की 100 प्रतिशत की कटौती की अनुमति दी गयी है. बड़े स्टार्ट-अप को यह लाभ देने के लिए बजट में कुल कारोबार की सीमा मौजूदा 25 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है.
पर्यटन उद्योग
पांच पुरातत्व स्थल होंगे विकसित
पर्यटन क्षेत्र के लिए 2,499.83 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. बजट में आठ नये संग्रहालय खोलने का भी प्रस्ताव है. पर्यटन क्षेत्र के लिए 2020-21 में 2500 करोड़ रुपये, संस्‍कृति मंत्रालय के लिए 3,150 करोड़ रुपये के आवंटन का भी प्रस्‍ताव किया गया है. पांच पुरातत्‍व स्‍थलों को स्‍थानिक संग्रहालय स्‍थलों के रूप में विकसित किया जायेगा. इनमें राखीगढ़ी (हरियाणा), हस्तिनापुर (उत्‍तर प्रदेश), शिवसागर (असम), धौलाविरा (गुजरात) और आदिचनल्‍लूर (‍तमिलनाडु) शामिल है. पूरे देश में 4 और संग्रहालयों का नवीनीकरण किया जायेगा.
इ-कॉमर्स
नये कर से विक्रेताओं पर बढ़ेगा बोझ
इ-कॉमर्स लेनदेन पर एक नये शुल्क एक प्रतिशत की स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) का प्रस्ताव किया है. इस कदम से इ-कॉमर्स मंचों के विक्रेताओं पर बोझ बढ़ेगा. इस बार कानून में एक नयी धारा 194-ओ जोड़ने का प्रस्ताव किया गया है.
इसके साथ साथ धारा 197 (कम टीडीएस), धारा 204 (किसी राशि का भुगतान करने वाले व्यक्ति को परिभाषित करना) और धारा 206एए (गैर पैन – आधार मामलों में पांच प्रतिशत की कटौती के लिए) में भी संशोधनों का प्रस्ताव है. ये संशोधन एक अप्रैल, 2020 से लागू होंगे. परिचालक को बिक्री या सेवा की राशि या दोनों पर एक प्रतिशत की टीडीएस कटौती करनी होगी.
आभूषण उद्योग
माणिक, पन्ना व नीलम पर शुल्क में इजाफा
सोने पर सीमा शुल्क 12.5 फीसदी बरकरार है. हीरे, रंगीन रत्न, पत्थर और अर्ध-कीमती पत्थरों पर बुनियादी सीमा शुल्क में वृद्धि की गयी है. माणिक, पन्ना और नीलम पर बुनियादी सीमा शुल्क, अनगढ़ और आयातित अनगढ़ रत्नों और खुरदरे (बिना तराशे) रंगीन रत्नों पर सीमा शुल्क को शून्य से बढ़ा कर 0.5 प्रतिशत किया गया है. कीमती और अर्द्ध कीमती पत्थरों के पूर्व रूपों और मोटे सिंथेटिक रत्नों पर सीमा शुल्क शून्य से 0.5 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है. हालांकि, प्लैटिनम और पैलेडियम पर सीमा शुल्क 12.5 प्रतिशत से घटा कर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया है.
वाहन उद्योग
आयातित इलेक्ट्रिक वाहन महंगे होंगे
आयातित बिजलीचालित वाहन (इलेक्ट्रिक वाहन) महंगे होंगे. सीमा शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया है. घरेलू स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने एक अप्रैल, 2020 से आयातित वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक वाहनों की पूर्ण निर्मित इकाइयों (सीबीयू) पर सीमा शुल्क की दर को 25 से बढ़ा कर 40 प्रतिशत करने की घोषणा की है. एसकेडी इकाई के लिए सीमा शुल्क की दर को 15 से बढ़ा कर 30 प्रतिशत, इलेक्ट्रिक बसों, ट्रकों व दोपहिया के एसकेडी के रूप में आयात पर सीमा शुल्क की दर को 15 से बढ़ा कर 25 प्रतिशत का प्रस्ताव किया है. यह वृद्धि एक अप्रैल से लागू होगी.
दूरसंचार
2020-21 में दूरसंचार क्षेत्र से 1.33 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का अनुमान
सरकार का अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष 2020-21 में उसे कर्ज के बोझ से दबे दूरसंचार क्षेत्र से 1.33 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा. यह चालू वित्त वर्ष के राजस्व अनुमान का दोगुना से अधिक है. समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के बकाये की वसूली की वजह से मुख्य रूप से सरकार का राजस्व बढ़ेगा. सरकार ने प्राप्ति बजट में संचार क्षेत्र से 1,33,027.2 करोड़ रुपये की प्राप्तियों का अनुमान लगाया है. चालू वित्त वर्ष में संचार क्षेत्र से सरकार की प्राप्तियां 58,686.64 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. इसका बजट अनुमान 50,519.8 करोड़ रुपये था. बजट दस्तावेज में कहा गया है कि ‘अन्य संचार सेवाओं’ के तहत प्राप्तियों में मुख्य रूप से दूरसंचार आपरेटरों से मिलने वाला लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम इस्तेमाल शुल्क शामिल है.
बीएसएनएल-एमटीएनएल को मिलेंगे 37,640 करोड़ रुपये
बीएसएनएल और एमटीएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) पर क्रियान्वयन के लिए करीब 37,640 करोड़ की पूंजी मिलेगी. बीएसएनएल में 14,115 करोड़ व एमटीएनएल में 6,295 करोड़ का निवेश होगा.
पुराने बिजली संयंत्र बंद होंगे, तीन साल में लगेंगे स्मार्ट प्रीपेड मीटर
उत्सर्जन मानकों का पालन नहीं करने वाले कोयला से चलने वाले पुराने बिजलीघरों को बंद किया जायेगा. उन्होंने वायु प्रदूषण में कमी लाने और उसे स्वच्छ बनाने के लिए 4,400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. साथ ही अगले तीन साल में देश भर में परंपरागत मीटरों की स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का प्रस्ताव किया.किसानों की बंजर जमीन पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की प्रधानमंत्री कुसुम योजना का विस्तार किया जायेगा. सौर सेल और मोड्यूल में एसेंबल सौर सेल पर सीमा शुल्क को 20 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया, 2022 तक 1,00,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है.
एक नजर में
प्रधानमंत्री कर्मयोगी मानधन योजना से 1.5 करोड़ रुपये से कम कारोबार वाले खुदरा व्यापारियों को पेंशन लाभ.
अप्रैल, 2020 से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए आसान प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
इन्वेस्टमेंट क्लियरेंस सेल बनाने का प्रस्ताव, जिसमें निवेश से जुड़ी सलाह और लैंड बैंक के बारे में जानकारी मिलेगी.
इन्वेस्टमेंट क्लियरेंस सेल में पांच नये बनने वाले इकोनॉमिक कॉरिडोर, मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स तैयार की जानकारी रहेगी.
भारत में ज्यादा मेडिकल उपकरणों को बनाने पर भी सरकार जोर देगी.
प्रधानमंत्री ने जीरो डिफेक्ट पॉलिसी पर जोर दिया था. सभी मंत्रालय इस वर्ष क्वालिटी स्टैंडर्ड ऑर्डर जारी करेंगे.
एक्सपोर्ट करने वाले कारोबारियों के लिए निर्विक बीमा योजना और इसमें ज्यादा कवर और सुरक्षा मिलेगी.
लघु और सूक्ष्म उद्योगों को सहायक कर्ज देने के लिए नयी योजना जल्द लायी जायेगी.
मत्स्य उद्योग
500 मत्स्य संगठन होंगे गठित
केंद्र सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में मत्स्यपालन को और विस्तार करने का फैसला किया गया है. इसको बढ़ावा मिले, इसके लिए ग्रामीण युवाओं को ‘सागर मित्र’ बनाया जायेगा. साथ ही 500 मत्स्य किसान संगठन भी गठित किये जायेंगे. इससे छोटे कारोबारियों को लाभ मिलेगा और उन्हें अपनी बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी.
डेयरी उद्योग
दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता होगी दोगुनी
वित्त मंत्री ने डेयरी उद्योग के लिए पिछली बार की तरह इस बार भी मदद करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन करनेवाले किसानों की संख्या बढ़े इसके लिए 2025 तक दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता को दोगुना कर लिया जायेगा.
कपड़ा उद्योग
आयात घटाने के लिए 1,480 करोड़ खर्च
भारत 16 अरब रुपये का कपड़ा आयात करता है. इसे घटाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन का प्रस्ताव किया है. इसके लिए चार साल में 1,480 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, ताकि घरेलू उद्योग को बढ़ावा दिया जा सके. घरेलू उत्पादन बढ़ने से कपड़ा उद्योग को काफी लाभ होगा और रोजगार भी बढ़ेंगे.
फ्लैश बैक
उद्योग
100% एफडीआइ की अनुमति बीमा क्षेत्र को दी गयी थी. 01 लाख पांच हजार करोड़ निवेश का लक्ष्य रखा गया था .
1.5 करोड़ रुपये से कम कारोबार करनेवाले खुदरा व्यापारियों को मानधन योजना के तहत पेंशन देने की घोषणा हुई थी.
400 करोड़ टर्नओवर वाली कंपनियां 25% कॉरपोरेट टैक्स के दायरे में थीं
इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के प्रोत्साहन के लिए जीएसटी 12.5 से घटा कर 5 % की
5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनोमी का लक्ष्य रखा गया था
शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों में न्यूनतम सरकारी शेयरधारिता 25 फीसदी से बढ़ा कर 35 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया गया था

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