मेलबर्न : पहली बार ग्रैंडस्लैम फाइनल खेल रही अमेरिका की सोफिया केनिन ने दो बार की ग्रैंडस्लैम चैम्पियन गारबाइन मुगुरूजा को हराकर ऑस्ट्रेलियाई ओपन महिला एकल खिताब जीत लिया.
इक्कीस वर्ष की केनिन ने एक सेट से पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करते हुए दो घंटे तक चले मैच में 4-6, 6-2, 6-2 से जीत दर्ज की. केनिन पिछले 12 साल में यहां सबसे युवा चैम्पियन बन गई है. मारिया शारापोवा ने 2008 में 20 वर्ष की उम्र में खिताब जीता था.
केनिन 21 साल 80 दिन की है. जापान की नाओमी ओसाका उनसे 22 दिन बड़ी थी जब उन्होंने पिछले साल खिताब जीता था. चौदहवीं वरीयता प्राप्त केनिन अब विश्व रैंकिंग में सातवें स्थान पर पहुंच जायेंगी. इसके साथ ही वह सेरेना विलियम्स को पछाड़कर अमेरिका की नंबर एक खिलाड़ी भी बन जायेंगी.
जीत के बाद अपने आंसुओं पर काबू नहीं रख सकी केनिन सीधे अपने पिता अलेक्जेंडर के पास पहुंची जो उनके कोच भी है. सेमीफाइनल में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी एशले बार्टी को हराने वाली केनिन ने कहा , मेरा सपना आखिरकार सच हुआ. मैं इस अहसास को बयां नहीं कर सकती.
सपने भी सच होते हैं. अगर आप सपने देखते हें तो उन्हें पूरा करने के लिये कमर कस लीजिये. केनिन ने अपने सफर में टेनिस की नयी सनसनी 15 वर्ष की कोको गॉ को भी हराया था. पिछले साल (2019) के आखिरी छह महीने में सिर्फ एक मैच जीतने में सफल रही मुगुरूजा ने पहले सेट में 3-1 की बढ़त बना ली थी.
स्कोर 30-30 से बराबर रहने पर 23 शाट की रेली फोरहैंड पर शानदार वाली लगाकर स्पेनिश खिलाड़ी ने खत्म की. फिर मुगुरूजा ने लगातार दो डबलफाल्ट किये जिस पर केनिन ने वापसी की लेकिन लय कायम नहीं रख सकी और पहला सेट गंवा दिया. केनिन ने दूसरे सेट से लय में लौटना शुरू किया और सिर्फ 32 मिनट में यह सेट जीत लिया. निर्णायक सेट के पांचवें गेम में तीन गेम प्वाइंट बचाकर केनिन ने जीत दर्ज की.