कोलकाता : कलकत्ता हाइकोर्ट ने वैवाहिक और नाबालिग के संरक्षण से जुड़े मामले को इस आधार पर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है कि सुनवाई के स्थान के बारे में निर्णय लेते समय पत्नी की सुविधा को मुख्य रूप से ध्यान में रखा जाना चाहिए.
अदालत ने यह भी कहा कि जब मामला किसी नाबालिग के संरक्षण से जुड़ा हो तो उसे वहां दायर करना चाहिए, जिसके प्रादेशिक अधिकार क्षेत्र में नाबालिग आमतौर पर रह रहा हो. अदालत ने जलपाईगुड़ी से इस मामले को दुर्गापुर स्थानांतरित करने का आदेश देते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अपने कई फैसलों में कहा है कि विवाह से जुड़े मामले को सुनवाई को लिए स्थानांतरित करने की कार्रवाई में पत्नी को हो रही असुविधा पर पहले विचार किया जाना चाहिए.