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पटना : केंद्र करेगा जमीन सर्वे की जांच
पटना : अब केंद्र सरकार सर्वे ऑफ इंडिया के मार्फत राज्य में चल रहे जमीन सर्वे की जांच करेगी. राज्य में हो रहे विशेष सर्वेक्षण की देख-रेख के लिए सर्वे ऑफ इंडिया तीसरे पक्ष के रूप में निगरानी करेगा. सर्वे में इस बात पर ध्यान रखा जायेगा कि इन सभी कंट्रोल प्वांइट को निश्चित दूरी […]
पटना : अब केंद्र सरकार सर्वे ऑफ इंडिया के मार्फत राज्य में चल रहे जमीन सर्वे की जांच करेगी. राज्य में हो रहे विशेष सर्वेक्षण की देख-रेख के लिए सर्वे ऑफ इंडिया तीसरे पक्ष के रूप में निगरानी करेगा. सर्वे में इस बात पर ध्यान रखा जायेगा कि इन सभी कंट्रोल प्वांइट को निश्चित दूरी पर लगाया जाना है.
अक्षांश एवं देशांतर के अनुरूप उनका मान निकाला जाना है. मानचित्रों की शुद्धता के लिए इन कंट्रोल प्वाइंट्स का लगाया जाना अत्यंत आवश्यक है.गुरुवार को सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने राजस्व व भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह के कार्यालय कक्ष में राज्य में जमीन सर्वे को लेकर बैठक की.
इस दौरान भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय के निदेशक जय सिंह भी मौजूद थे. बैठक में निर्णय लिया गया कि सर्वे ऑफ इंडिया इस बात की भी जांच करेगी कि राज्य में काम कर रही तीनों हवाई एजेंसियों द्वारा निर्मित मौजों का मानचित्र स्थापित मापदंडों के अनुरूप है या नहीं? साथ ही विभिन्न बंदोबस्त कार्यालयों द्वारा निर्मित डाटा की शुद्धता की जांच की जायेगी.
यह डेटा खेसरा पंजी निर्माण, मानचित्र निर्माण, अधिकार अभिलेख निर्माण आदि से संबंधित होगा. निदेशालय के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि हवाई सर्वेक्षण एजेंसी के साथ किये गये एकरारनामे के मुताबिक कृषि क्षेत्रों में 20 सेमी और बस्ती में 10 सेमी की पोजिशनल एक्यूरेसी हासिल की जानी है. इसके लिए जिस वांछित सघनता के साथ जांच की आवश्यकता होगी उसका विवरण सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा तैयार कर प्रस्तुत किया जायेगा.
19 के बाद नल जल योजना के तहत दिये गये हाउस कनेक्शन की होगी जांच
पटना : पीएचइडी उन वार्डों में 19 जनवरी के बाद जांच टीम भेजने का निर्णय लिया है, जहां घरों में पानी का कनेक्शन दे दिया गया है. जांच टीम में स्वतंत्र अभियंताओं को लगाया गया है, जो पानी की गुणवत्ता, बोरिंग, नल कहां-कहां लगा है और पाइप की क्वालिटी एकरारनामा के मुताबिक है या नहीं जांच करेंगे.
जांच में गड़बड़ी पाये जाने पर विभाग को तुरंत में रिपोर्ट भेजनी है, ताकि संबंधित अधिकारी और ठेकेदार पर कार्रवाई हो सके.नल जल योजना में काम करने वाले ठेकेदारों पर पूर्व में कार्रवाई हो चुकी है. ठेकेदारों ने योजना के तहत पाइप को जमीन में डालने में गड़बड़ी की थी. जांच में पाया गया था कि पाइप कम गहराई में रहने से पाइप जल्द टूट जायेगा. इसलिए बोरिंग और पाइप की गहराई एकरारनामा के मुताबिक की गयी है या नहीं. इस पर टीम सबसे अधिक काम करेगी.
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