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मामला राजधानी ट्रेन में एक्सपायर्ड कॉफी- दूध पाउडर देने का, आइआरसीटीसी ने कहा होगी कार्रवाई, रेलवे ने झाड़ा पल्ला

रांची : रांची-नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में बुधवार को यात्रियों के बीच एक्सपायरी कॉफी और दूध का पाउडर बांटा गया था. एक यात्री ने ट्वीट कर रेल मंत्रालय व आइआरसीटीसी को इसकी जानकारी दी थी. इस बाबत आइआरसीटीसी के ग्रुप जनरल मैनेजर देवाशीष चंद्रा ने कहा कि जानकारी मिलने के बाद जांच के आदेश दिये […]

रांची : रांची-नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में बुधवार को यात्रियों के बीच एक्सपायरी कॉफी और दूध का पाउडर बांटा गया था. एक यात्री ने ट्वीट कर रेल मंत्रालय व आइआरसीटीसी को इसकी जानकारी दी थी.
इस बाबत आइआरसीटीसी के ग्रुप जनरल मैनेजर देवाशीष चंद्रा ने कहा कि जानकारी मिलने के बाद जांच के आदेश दिये गये हैं. अभी तक की पूछताछ में पता चला है कि सभी यात्रियों को कॉटिनेटल ब्रांड की कॉफी दी गयी थी, जबकि एक्सपायर्ड काॅफी व दूध देने की शिकायत करनेवाले यात्री ने नेसकैफे देने की बात कही है. यात्री को अलग से वेटर ने उस ब्रांड की कॉफी क्यों दी, इस बाबत वेटर व अटेंडेंट से पूछताछ की गयी है. जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई व जुर्माना लगाया जायेगा.
दूसरी आेर, इस संबंध में सीपीआरओ नीरज कुमार ने कहा कि ट्रेन में खाने-पीने की व्यवस्था आइआरसीटीसी के पास है. डिवीजन का इसमें कोई रोल नहीं है. जानकारी के अनुसार, कई बार रांची रेल डिवीजन के एडीआरएम रैंक के अधिकारी व कोलकाता से भी अधिकारियों के दल ने राजधानी ट्रेन सहित अन्य ट्रेनों में खान-पान की जांच की है और कई दिशा-निर्देश दिये हैं. लेकिन जब राजधानी में एक्सपायरी कॉफी और चाय देने का मामला आया है, तो रेल प्रबंधन अपना पल्ला झाड़ रहे हैं.
मिलीभगत से हो रहा यात्रियों की सेहत के साथ खिलवाड़ : झारखंड पैसेंजर्स एसोसिएशन एवं सदस्य क्षेत्रीय रेलवे उपयोगकर्ताओं परामर्शदात्री समिति प्रेम कटारूका ने सदर अनुमंडलाधिकारी लोकेश मिश्रा को पत्र लिख कर राजधानी ट्रेन में घटिया व निम्नस्तरीय खाद्य पदार्थ आपूर्ति की जांच करने की मांग की है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि रांची से रेलवे द्वारा अनेक यात्री गाड़ियों का परिचालन होता है.
इसमें राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी सहित कई सुपर फास्ट, मेल एवं एक्सप्रेस हैं. इन गाड़ियों में रेलवे के अधिकृत ठेकेदारों द्वारा खाद्य पदार्थों की आपूर्ति की जाती है. इन ट्रेनों में लगातार निम्नस्तरीय और एक्सपायर्ड खाद्य पदार्थ परोसे जाने की शिकायत कई बार यात्रियों द्वारा की गयी है. इसके बावजूद सुधार नहीं हो रहा है.
शिकायत पर रेलवे के अधिकारी जांच और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन देते हैं और दिखावे के लिए संबंधित ठेकेदारों पर जुर्माना भी लगाते हैं, लेकिन ठोस दंडित कार्रवाई के अभाव में रेलवे के अधिकृत ठेकेदारों और सुपरवाइजरों की मिलीभगत से यात्रियों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्होंने जिला प्रशासन के स्तर से त्वरित कार्रवाई करने की मांग की. पत्र की प्रतिलिपि उन्होंने रेल मंत्री, रेलवे बाेड के अध्यक्ष व दक्षिण-पूर्व रेलवे के महाप्रबंधन को भी दिया है.
एक्सपायर्ड डेट का खाद्य पदार्थ मिलना चिंताजनक : रांची नागरिक समिति के सचिव व रेलवे के डीआरयूसीसी सदस्य संदीप नागपाल ने कहा कि राजधानी व शताब्दी जैसी ट्रेनों में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता में कमी तथा एक्सपायर्ड डेट की सामग्री यात्रियों को देना चिंताजनक है. यह एक गंभीर मामला है. एक्सपायर्ड खाद्य पदार्थ यात्रियों को देना उनकी जान के साथ खिलवाड़ करने के समान है. नागपाल ने रेलवे अधिकारियों तथा रेल मंत्री को इस प्रकार की घटना पर उचित कार्रवाई करने की मांग की.
छह माह में सात बार ‘राजधानी’ में खाद्य पदार्थों की जांच की गयी, सभी सही
पिछले छह माह में फूड क्वालिटी कंट्रोल द्वारा राजधानी ट्रेन में खाद्य पदार्थ की जांच की गयी. हर बार जांच रिपोर्ट सही रही. इसके बावजूद भी यात्रियों से लगातार खाद्य पदार्थ को लेकर शिकायत की जाती रही है.
24 जुलाई 2019 को एमडीएच गरम मसाला व कैच के हल्दी पाउडर की जांच की गयी, रिपोर्ट 29 को सही बतायी गयी. 28 अगस्त 2019 को एमडीएच चिकेन मसाला की जांच की गयी, रिपोर्ट 03 सितंबर को सही बतायी गयी. 25 सितंबर को एमडीएच गरम मसाला व टाटा नमक की जांच की गयी, रिपोर्ट 01 अक्तूबर को सही दी गयी. 18 दिसंबर को एमडीएच चिकेन मसाला व गरम मसाला की जांच की गयी, 02 जनवरी 2020 को रिपोर्ट सही बतायी गयी.

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