दुर्जय पासवान, गुमला
शिक्षा विभाग गुमला ने जिले के 30 प्रशिक्षित पारा शिक्षकों का मानदेय रोक दिया है. जिससे इन शिक्षकों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. चार महीने से इन शिक्षकों को मानदेय नहीं मिला है. जबकि इन शिक्षकों ने कई बार प्रशिक्षण प्राप्त करने का प्रमाण पत्र शिक्षा विभाग गुमला के समक्ष प्रस्तुत किया है. इसके बावजूद इन 30 शिक्षकों को शिक्षा विभाग अप्रशिक्षित पारा शिक्षक मानते हुए अक्तूबर 2019 से मानदेय रोके हुए हैं.
मानदेय नहीं मिलने व आर्थिक संकट उत्पन्न होने के बाद मंगलवार को 14 शिक्षक गुमला पहुंचे. ये लोग गुमला डीसी के नाम डीडीसी हरि कुमार केशरी को ज्ञापन सौंपा. डीइओ सुरेंद्र पांडे को भी ज्ञापन सौंपकर मानदेय नहीं मिलने से उत्पन्न समस्या की जानकारी दी है.
शिक्षकों ने कहा है कि डीएलएड की परीक्षा ली गयी थी. उसका परिणाम भी शिक्षकों को प्राप्त हो गया है. डीएलएड के द्वारा सत्र 2017-2019 में शिक्षक प्रशिक्षण पूर्ण करते हुए सभी शिक्षक उतीर्ण हुए हैं. इसके बावजूद शिक्षा विभाग गुमला द्वारा मानदेय रोका गया है. शिक्षकों ने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा पत्र जारी किया गया है. जिसमें कहीं जिक्र नहीं है कि प्रशिक्षित पारा शिक्षकों का मानदेय रोका जाये. परंतु गुमला में मानदेय रोक दिया गया.
वहीं दूसरी ओर दूसरे जिलों में प्रशिक्षित शिक्षकों को मानदेय भुगतान हो रहा है. ज्ञापन में अनिल कुमार भारती, संतोष उरांव, राममोहन गोप, प्रेमचंद उरांव, बालकिशुन खेरवार, सुलेंद्र उरांव, शिवरतन खेरवार, प्रदीप एक्का, सुखदेव भगत, जगतपाल पन्ना, रामेश्वर खेरवार, कुंजबिहारी उरांव, संजय कुमार, नंदकिशोर महतो का नाम है. इधर, डीइओ सुरेंद्र पांडे ने कहा कि जो भी पारा शिक्षक प्रशिक्षित हैं. उनका मानदेय मिलेगा.
क्या कहना है शिक्षकों का
प्रशिक्षित पारा शिक्षक संघ के सचिव धर्मदेव खेरवार ने कहा कि दूसरे जिलों में सभी प्रशिक्षित पारा शिक्षकों को मानदेय मिल रहा है. परंतु गुमला में चार माह से मानदेय बंद है. विभाग मानदेय का भुगतान करे. प्रशिक्षित पारा शिक्षक संघ के अध्यक्ष रामदेव राम गोप ने कहा कि मानदेय बंद होने से शिक्षकों को परेशानी हो रही है. समस्या से प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों को भी अवगत कराया गया था. परंतु समस्या दूर नहीं हुई. पारा शिक्षक अनिल कुमार भारती ने कहा कि मानदेय रुकने से आर्थिक संकट उत्पन्न हो गयी है. उधारी का राशन उठाकर घर का चूल्हा चौका चल रहा है. कई शिक्षक तो भुखमरी में आ गये हैं.