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‘जेएनयू वीसी अच्छा काम कर रहे हैं, कार्रवाई क्यों करें’: प्रेस रिव्यू

<p><a href="https://timesofindia.indiatimes.com/india/jnu-vc-doing-good-work-why-act-against-him-hrd-minister/articleshow/73236476.cms">टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने अपने पन्ने पर</a> जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को मानव संसाधन विकास मंत्री की शाबासी को लीड ख़बर बनाया है. </p><p>मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को दिए इंटरव्यू में कहा है, &quot;जेएनयू के वाइस चांसलर अच्छा काम कर रहे हैं, उनके ख़िलाफ़ […]

<p><a href="https://timesofindia.indiatimes.com/india/jnu-vc-doing-good-work-why-act-against-him-hrd-minister/articleshow/73236476.cms">टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने अपने पन्ने पर</a> जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को मानव संसाधन विकास मंत्री की शाबासी को लीड ख़बर बनाया है. </p><p>मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को दिए इंटरव्यू में कहा है, &quot;जेएनयू के वाइस चांसलर अच्छा काम कर रहे हैं, उनके ख़िलाफ़ क्यों कार्रवाई करें.&quot;</p><p>ग़ौरतलब है कि जेएनयू कैंपस में पाँच जनवरी को हुई मारपीट के बाद जेएनयू का छात्र संघ और शिक्षक संघ, वाइस चांसलर एम. जगदीश कुमार को हटाने की मांग कर रहा है. </p><p>बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री मुरली मनोहर जोशी भी जगदीश कुमार को हटाने की माँग कर चुके हैं. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-42145643?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी क्यों और कितना उबल रही है?</a></li> </ul><h1>16 लाख नौकरियां घटेंगी</h1><p>हिंदी दैनिक दैनिक भास्कर आर्थिक मोर्चे पर डराने वाली दो <a href="https://epaper.bhaskar.com/new-delhi/194/14012020/cph/1/">ख़बरों को अपने पहले पन्ने पर प्रकाशित किया है</a>. देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की चीफ़ इकॉनामिक एडवाइजर सौम्या कांति घोष की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि नए साल में क़रीब 16 लाख नौकरियां घटने वाली हैं. </p><figure> <img alt="निर्मला सीतारमण" src="https://c.files.bbci.co.uk/2903/production/_110499401_0446b8cf-d133-43bd-acd8-a4856f6bcffe.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>ख़बर के मुताबिक़ सरकारी नौकरियों में भी 39 हज़ार की कमी होगी. </p><p>इसके अलावा अख़बार ने बीते साढ़े पाँच सालों में खुदरा महंगाई दर सबसे ज़्यादा पहुंचने की ख़बर को भी प्रमुखता से छापा है. मंहगाई दर बढ़ने का सबसे बड़ा कारण खाने पीने की चीज़ों, ख़ासकर प्याज का 10 गुना तक महंगा होना रहा.</p><p>अख़बार ने एक कंटीन्यूटी में हेडलाइन दी है. ‘घटे 16 लाख रोज़गार…’, ‘…ऊपर से महंगाई की मार.'</p><p><strong>विपक्षी एकजुटता </strong><strong>अहम</strong></p><figure> <img alt="अमृत्य सेन" src="https://c.files.bbci.co.uk/18447/production/_110499399_5693814d-23f7-4354-b4e7-a226ad0a7656.jpg" height="351" width="624" /> <footer>BBC</footer> </figure><p><a href="https://www.hindustantimes.com/india-news/on-anti-caa-protests-amartya-sen-says-opposition-unity-is-important/story-lPiXowRrJbDxRt9lnMrmDN.html">हिंदुस्तान टाइम्स ने नोबल पुरस्कार विजेता</a> अमृत्य सेन के उस बयान को प्रकाशित किया है जिसमें उन्होंने नागरिकता संशोधन क़ानून पर विपक्षी पार्टियों की एकजुटता को महत्वपूर्ण बताया है. </p><p>उन्होंने कहा है कि ऐसा करना से विरोध प्रदर्शन करना आसान हो जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर किन्हीं वजहों से एकजुटता नहीं हो पाती है तो इसका मतलब यह नहीं कि विरोध करना छोड़ देना चाहिए. </p><p>सोमवार को ही नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में सोनिया गांधी की बुलाई सर्वदलीय बैठक में क़रीब 20 दल शामिल हुए थे लेकिन तृणमूल कांग्रेस और शिव सेना जैसे 7 दल इस बैठक से दूर रहे. </p><h1>संसद में केवल शाकाहारी खाना?</h1><figure> <img alt="भारतीय संसद" src="https://c.files.bbci.co.uk/7723/production/_110499403_gettyimages-1189651996.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p><a href="https://timesofindia.indiatimes.com/india/parliament-canteen-may-soon-go-fully-veg/articleshow/73236565.cms">टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने अपने </a>पहले ही पन्ने पर एक दिलचस्प ख़बर प्रकाशित है. इस ख़बर के मुताबिक़ अब भारतीय संसद की कैंटीन में सिर्फ़ शाकाहारी खाना मिलने की संभावना है. </p><p>दरअसल भारतीय संसद की कैंटीन की देखरेख का ज़िम्मा अभी भारतीय रेलवे की सबसिडियरी कंपनी आईआरसीटीसी के अधीन है. लेकिन इस ख़बर में कहा जा रहा है कि बहुत जल्द ही इसका अनुबंध बीकानेरवाला या हल्दीराम समूह को दिया जा सकता है. </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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