मधुबनी : ठंड बढ़ने से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. शीतलहर कहर बनकर उतरी है. शुक्रवार को दिन भर बादल छाया रहा. जिस कारण दिन में भी रात जैसा नजारा बना हुआ है. वहीं तेज हवा से स्थिति भयावह बन गयी है. खासकर बूढ़े और बच्चे ज्यादा परेशान दिख रहे हैं. आलम यह था कि लोग दिन में भी गर्म कपड़े नहीं उतार सके. सर्द और तेज पछिया हवा के कारण लोग पूरे दिन घर में दुबके रहे. नये साल के शुरुआत से ही ठंडी हवा कहर बनकर लोगों को सता रही है.
तापमान में लगातार गिरावट के कारण सूर्य की लुकाछीपी भी होती रही. तेज पछिया हवा से लोग कांपते देखे गये. ठंड को लेकर शहर के अधिकांश सड़कें सुनी दिखी. लोग जरूरी काम से ही घर से बाहर निकले. स्कूलों में बच्चों की संख्या कम थी. कहीं भी शहर में सरकारी स्तर पर अलाव का इंतजाम नहीं किया गया है. जिस कारण आम लोगों को अधिक परेशानी हुई. लोग अपने अपने स्तर से अलाव का इंतजाम किये थे और किसी प्रकार ठंड से निजात पाने की कोशिश में थे.
आसमान में छाया रहा बादल. कोहरे और ठंड के कारण लोग अपने दैनिक कार्य को भी पूरा करने को परेशान रहे. सबसे ज्यादा परेशानी बूढ़े और बच्चों को झेलनी पड़ी. सुबह से चल रही ठंडी हवा और बारिश की आशंका को लेकर अधिकांश बच्चे स्कूल भी नहीं गये. शुक्रवार को आसमान में बादल छाया रहा.
दैनिक मजदूर बूंदाबांदी की आशंका को लेकर काम पर नहीं निकल सके. वहीं कुछ किसान बूंदाबांदी होने की संभावना को लेकर खुश थे. किसानों का कहना था कि बूंदाबांदी होने से रबी फसल मसूर और गेहूं को फायदा होगा.
स्कूलों में कम दिखे बच्चे : सुबह से ही चल रही ठंडी पछिया हवा और छाये बादल के कारण स्कूलों में बच्चों की उपस्थति कम देखी गई. शिक्षक भी अन्य दिनों की तरह स्कूल तो पहुंचे, लेकिन स्कूल में बच्चों की उपस्थित कम रहने के कारण पढ़ाई नहीं हुई. कई शिक्षक तो स्कूल के समय से पूर्व ही घर को चले गये. वैसे कुछ स्कूलों में मानव शृंखला की तैयारी करते शिक्षक देखे गये.
सड़कों पर कम देखे गये वाहन
ठंड के कारण दिन भर लोग घरों में दुबके रहे. शुक्रवार को तापमान कम रहने और पछिया हवा के कारण लोगों का काम काज प्रभावित रहा. सड़क दिन भर सुनी रही. सड़क पर बहुत कम वाहनों का आवागमन हुआ. लोग जरूरी काम से ही बाहर निकले. बस पड़ाव में यात्रियों की संख्या कम देखी गई. लंबी दूरी की बस की अधिकांश सीट खाली देखी गई. ठंड के कारण लोग गंतव्य को नहीं निकले.