नयी दिल्ली : दिल्ली की अदालत में गुरुवार को एक याचिका दायर कर 2012 में निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या मामले में मौत की सजा पाये दोषियों को अंग दान करने के लिए मनाने का अनुरोध किया गया है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा की अदालत ने लोक अभियोजक के अनुरोध के बाद मामले की सुनवाई शुक्रवार तक टाल दी. लोक अभियोजक ने राज्य का पक्ष रखने के लिए और समय देने की मांग की थी. उल्लखेनीय है कि अदालत से सात जनवरी को जारी आदेश के मुताबिक, मामले में दोषी मुकेश, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को 22 जनवरी की सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया जाना है. गैर सरकारी संगठन आरएसीओ की ओर से दायर याचिका में कहा गया, आवेदक दोषियों से मनोचिकित्सक और वकील सहित विशेषज्ञों के समूह को मिलने की अनुमति देने का अनुरोध इस उम्मीद से करते हैं कि इससे उन्हें घृणित अपराध का एहसास होगा जो उन्होंने किया है.
याचिकाकर्ता की ओर से उपस्थित वकील शिवम शर्मा ने कहा, हमारी मंशा उन्हें जन कल्याण के लिए अंग दान करने के लिए प्रेरित करना है. उल्लेखनीय है कि 2017 में उच्चतम न्यायालय दोषियों की पुनर्विचार याचिका खारिज कर चुका है. 16-17 दिसंबर, 2012 की दरमियानी रात को छह दोषियों ने 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था और बर्बर तरीके से चोट पहुंचायी थी जिसकी वजह से 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में उसकी मौत हो गयी थी. मामले में छह आरोपी थे. एक नाबालिग को बाल अपराध अदालत ने तीन साल के लिए सुधार गृह भेजा था, जबकि राम सिंह ने सुनवाई के दौरान ही कथित रूप से फांसी लगाकर तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी.