रांची : डोरंडा थाना क्षेत्र के डिबडीह स्थित रेलवे ट्रैक से मंगलवार को बरामद शव की पहचान हरमू हाउसिंग कॉलोनी निवासी होमियोपैथी चिकित्सक डॉ राजीव रंजन प्रसाद (61) के रूप में की गयी. बुधवार को जब अरगोड़ा पुलिस को शव की पहचान डॉ राजीव रंजन प्रसाद के रूप में मिली, तब उनकी पत्नी मधु रंजन से संपर्क किया. उन्होंने शव का फोटो देखकर मृतक की पहचान पति के रूप में की. जब पुलिस ने उनसे अनुरोध किया कि वे डोरंडा थाना चली जायें क्योंकि उनका कुछ सामान वहां है.
इसके बाद वहां से रिम्स जाकर शव की पहचान कर लें, तो उन्होंने कहा कि वह गुरुवार को रिम्स जायेंगी और पहचान करेंगी. लेकिन बाद में मधु रंजन बेटे शुभम के साथ डोरंडा थाना पहुंचीं. शुभम ने फोटो के आधार पर शव की पहचान पिता के रूप में की. इसके बाद देर शाम शुभम रिम्स भी पहुंचा, लेकिन शव देख नहीं पाया. उसने बताया कि देर होने की वजह से उसे गुरुवार को बुलाया गया है.
डोरंडा पुलिस गुरुवार को शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप देगी. इधर, डॉ प्रसाद की मौत दुर्घटना में हुई है या उन्होंने आत्महत्या की है. इस बात को लेकर अलग से कोई शिकायत परिजनों ने डोरंडा थाना में नहीं की है. वहीं, परिजनों के परेशान होने से पुलिस ने भी ज्यादा पूछताछ नहीं की.
मंगलवार रात दर्ज करायी थी शिकायत
मधु रंजन ने पति के लापता होने को लेकर मंगलवार रात अरगोड़ा थाना में शिकायत दर्ज करायी थी. बताया था कि पति तीन बजे घर से निकले थे और रात 11 बजे तक नहीं आये थे. इसलिए उन्हें खोजा जाये. दूसरी ओर मंगलवार को दिन में ही कुछ लोगों ने डॉ प्रसाद के रूप में शव की पहचान किये जाने की जानकारी अरगोड़ा पुलिस को दी. इसके बाद पुलिस ने डोरंडा पुलिस से फोटो हासिल कर डॉ राजीव रंजन की पत्नी को दिखाया.
पहले भी जान देने का कर चुके थे प्रयास
पुलिस के अनुसार डॉ प्रसाद ने दो माह पूर्व भी अरगोड़ा रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से कटकर जान देने का प्रयास किया था. लेकिन जीआरपी जवान ने देख लिया था और उन्हें खींच कर वहां से हटाया था. इसके बाद उन्हें जीआरपी ने अरगोड़ा पुलिस को सौंप दिया था.
जिसके बाद उनके परिजनों को इस बात की सूचना दी गयी और उन्हें घर भेज दिया गया था. मधु ने भी पुलिस को बताया थी कि वह पहले भी आत्महत्या का प्रयास कर चुके हैं. क्योंकि वह डिप्रेशन में रहते थे. इस घटना के बाद वह दो-तीन बार अरगोड़ा थाना गये थे. पुलिस ने उन्हें ऐसा कदम दोबारा नहीं उठाने के लिए समझाया था.