पटना : विश्व की प्रतिष्ठित फोर्ब्स मैगजीन ने जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष व सीपीआई नेता कन्हैया कुमार और जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष व राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर को आगामी दशक का निर्णायक चेहरा बताया है. फोर्ब्स ने कन्हैया कुमार और प्रशांत किशोर को 2020 के दुनिया के टॉप-20 शक्तिशाली लोगों में जगह देते हुए बताया है कि ये आगामी दशक के निर्णायक चेहरे हो सकते हैं.
#Vision2020 | 20 people who could be the defining faces of this next decade: https://t.co/U4MDHYkKbG pic.twitter.com/QV0MPwGlZS
— Forbes India (@ForbesIndia) January 6, 2020
प्रतिष्ठित फोर्ब्स मैगजीन की दुनिया के टॉप-20 शक्तिशाली लोगों में कन्हैया कुमार को 12वें और प्रशांत किशोर को 16वें स्थान पर रखा है. पहले स्थान पर राजनीतिक टिप्पणीकार व कॉमेडियन हसन मिन्हाज हैं. जबकि, 20वें स्थान पर मैराथन धावक एलिउड किपचोगे हैं. कन्हैया कुमार और प्रशांत किशोर के अलावा पांच भारतीयों को इस सूची में स्थान मिला है. इनमें भारतीय मूल के यूरोप निवासी आर्सेलर मित्तल के ग्रुप सीएफओ व सीईओ, गोदरेज परिवार, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में शेफ भारतीय मूल की गरिमा अरोड़ा शामिल हैं. अन्य शक्तिशाली लोगों में श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान, न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न, पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग, फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के नाम भी शामिल हैं.
कन्हैया कुमार और प्रशांत किशोर के बारे फोर्ब्स ने क्या कहा?
फोर्ब्स ने कन्हैया कुमार के बारे में कहा है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के 32 वर्षीय नेता कन्हैया कुमार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति का चेहरा उस समय बन गये, जब 2016 में देशद्रोह के आरोपों का जवाब दिया था। उन्होंने जेएनयू से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है. बिहार के बेगूसराय निर्वाचन क्षेत्र से सीपीआई के टिकट पर साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने पहली लड़ाई लड़ी. हालांकि, वह बीजेपी के गिरिराज सिंह से 4.2 लाख वोटों से हार गये, लेकिन वह 22.03 प्रतिशत वोट हासिल करने में सफल रहे. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनके लिए शुरुआती दिन हैं. कन्हैया कुमार देश और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए सक्रिय रूप से देश भर में घूम-घूम कर विचार प्रकट करते रहे हैं. वह भविष्य में भारतीय राजनीति में शक्तिशाली पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
वहीं, प्रशांत किशोर के बारे में कहा है कि 42 वर्षीय प्रशांत किशोर साल 2011 से एक राजनीतिक रणनीतिकार हैं. उन्होंने बीजेपी को गुजरात विधानसभा चुनाव जीतने में मदद की. इसके बाद उनकी राजनीतिक रणनीति फर्म सिटीजन फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस के तहत बीजेपी के लिए उन्होनें साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत में मददगार साबित हुए. बाद में ‘कैग’ का नाम बदलकर आईपीएसी (भारतीय राजनीतिक कार्रवाई समिति) कर दिया गया. प्रशांत किशोर अब संगठन के संरक्षक के रूप में कार्य करते हैं. साल 2019 में आईपीएसी ने तेलंगाना में वाईएसआर जगन मोहन रेड्डी और महाराष्ट्र में शिवसेना के लिए रणनीतिक अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. चुनाव जीतने में दोनों पार्टियों को फायदा हुआ. प्रशांत किशोर तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए 2020 में सलाह दे रहे हैं. एक को छोड़ कर, आईपीएसी ने उन सभी अभियानों को जीत लिया है, जिनमें राजनीतिक दलों के लिए उन्होंने रणनीति तैयार की है. उन्होंने पूरी भारतीय राजनीतिक रणनीतिक पारिस्थितिकी तंत्र को बदल दिया है. साल 2018 में प्रशांत किशोर एक राजनीतिज्ञ के रूप में जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गये. हालांकि, उन्हें अभी तक किसी भी सीट से चुनाव नहीं लड़ा है.