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मछली तालाब के लिए मदद करेगा मत्स्य विभाग q

गया : जिले में मछली की हो रही जबर्दस्त खपत की स्थानीय स्तर से पूर्ति करने और युवकों को रोजगार से जोड़ने के लिए मत्स्य विभाग हर संभव कोशिश में जुटा है. वह बेरोजगारों को स्वरोजगार से जोड़ते हुए तालाब तैयार करवाने व उसमें मछली पालन करने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान के तहत 17 […]

गया : जिले में मछली की हो रही जबर्दस्त खपत की स्थानीय स्तर से पूर्ति करने और युवकों को रोजगार से जोड़ने के लिए मत्स्य विभाग हर संभव कोशिश में जुटा है.

वह बेरोजगारों को स्वरोजगार से जोड़ते हुए तालाब तैयार करवाने व उसमें मछली पालन करने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान के तहत 17 युवाओं को अपने साथ कदम से कदम मिला कर चलने को तैयार किया है. चुने गये युवाओं को विभाग तालाब तैयार करवाने व मछली पालन के लिए आर्थिक मदद करेगा और मछली बेचने के लिए बाजार भी मुहैया करायेगा.
गौरतलब है प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत रेयरिंग तालाब का निर्माण विभागीय स्तर पर कराया जा रहा है. इसके तहत प्रति हेक्टेयर होनेवाले खर्च की आधी भरपाई, मतलब 50 प्रतिशत विभाग की ओर से की जायेगी. पहले वर्ष प्रति हेक्टेर पर विभाग द्वारा डेढ़ लाख रुपये आवेदक को दिये जायेंगे. इस योजना से ग्रामीण युवाओं को जोड़ कर उन्हें स्वरोजगार अपनाने के लिए विभाग की ओर से कार्यादेश जारी कर दिये गये हैं.
विभाग ने 17 युवाओं को इस काम के लिए चुना है. दरअसल इस योजना का लाभ उठाने के लिए जिले के विभिन्न ग्रामीण इलाकों से 20 लोगों ने आवेदन किया था. उन 20 में से 17 लोग चुने गये. चुने जानेवाले लोग मछली पालन की ट्रेनिंग ले चुके हैं.
उनके पास खुद की जमीन है या फिर उन्होंने ठेके पर ले रखा है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि चुने गये युवकों को कहा गया है कि वह अपना काम शुरू करें और अपने सपने को हकीकत में बदलें. अधिकारियों का कहना है कि मत्स्य पालन कर युवा न केवल खुद को आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे बल्कि अपने आसपास के लोगों को भी रोजगार देंगे.
दी जाती है तकनीकी जानकारी
अधिकारियों का कहना है कि मछली पालन के दौरान आनेवाले परेशानियों से निबटने के लिए भी विभाग की ओर से मदद की जाती है. मछली पालकों को तमाम प्रकार की तकनीकी जानकारी दी जाती है. साथ ही उन्हें तालाब में आनेवाली समस्याओं से निबटने की भी जानकारी दी जाती है.
यही नहीं विभागीय अधिकारी समय-समय पर तालाब का भी निरीक्षण करते हैं और बेहतर उत्पादन के टिप्स देते हैं. ताकि इस उद्योग से जुड़ने वाले युवक बेहतर उत्पादन कर सकें और दूसरे भी प्रेरित हों.
क्या कहते हैं अधिकारी
इधर, जिला मत्स्य पदाधिकारी गणेश राम ने बताया कि योजना के तहत 17 लोगों को चयन किया गया है. उन्हें काम शुरू करने के लिए आर्डर दिये गये हैं. उम्मीद है वह बेहतर कार्य करेंगे और दूसरे को भी प्रेरित करेंगे. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़े और जिले में मछली की होनेवाली खपत को स्थानीय स्तर से ही पूरा किया जाये.

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