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US Fresh Air Strike: अमेरिका ने ईरान समर्थक मिलिशिया के काफिले पर किया हवाई हमला, 6 जिंदा जले

बगदाद : अमेरिका ने ईरान के दूसरे सबसे ताकतवर नेता जनरल कासिम सुलेमानी को कल ड्रोन हमले में मार गिराया था इसके एक दिन बाद यानी शनिवार को फिर हवाई हमला किया गया जिसमें 6 लोगों की मौत हो गयी. इस हमले में तीन लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की भी खबर है. […]

बगदाद : अमेरिका ने ईरान के दूसरे सबसे ताकतवर नेता जनरल कासिम सुलेमानी को कल ड्रोन हमले में मार गिराया था इसके एक दिन बाद यानी शनिवार को फिर हवाई हमला किया गया जिसमें 6 लोगों की मौत हो गयी. इस हमले में तीन लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की भी खबर है. खबरों की मानें तो मारे गये लोग ईरान समर्थक मिलिशिया हश्‍द अल-शाबी के हैं जो ईरान समर्थक पॉप्‍युलर मोबलाइजेशन फोर्सेस का दूसरा नाम है. हमला इराक की राजधानी बगदाद के ताजी इलाके में किया गया है. स्थानीय मीडिया में चल रही खबर के अनुसार मिलिशिया के तीन में से दो वाहनों में आग की लपटें उठती नजर आयी है. इस हवाई हमले से वाहनों में आग लग गयी और 6 लोग जिंदा जल गये. हमला स्‍थानीय समयानुसार रात करीब 1:12 मिनट पर किया गया.

अमेरिकी हमले में मारे गये ईरान के सबसे ताकतवर जनरल सुलेमानी
इराक की राजधानी बगदाद के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शुक्रवार को अमेरिकी हमले में ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी (62) समेत आठ लोग मारे गये. ईरान और अमेरिका ने इसकी पुष्टि की है. इस घटना ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है. कुछ दिन पहले ही ईरान समर्थक भीड़ ने इराक में अमेरिकी दूतावास की घेरेबंदी की थी. पेंटागन ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सुलेमानी को मारने के आदेश दिये थे. व्हाइट हाउस के मुताबिक, सुलेमानी मध्य-पूर्व में अमेरिकी राजनयिकों व इराक में सैनिकों को मारने की साजिश रच रहे थे. हमले में इराक के अर्धसैनिक बल के उपप्रमुख भी मारे गये. सुलेमानी की मौत के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी झंडे की तस्वीर ट्वीट करने के अलावा तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की.

ईरान ने स्विटजरलैंड के राजदूत को तुरंत किया तलब
सुलेमानी की मौत से भड़के ईरान ने स्विटजरलैंड के राजदूत को तलब किया है. ईरान में अमेरिका का दूतावात नहीं है. वहां स्विटजरलैंड ही अमेरिका का प्रतिनिधित्व करता है. इसी वजह से ईरान ने उन्हें तलब किया है.

ईरानी राष्ट्रपति बोले- इस जघन्य अपराध का लेंगे बदला
ईरान ने कहा कि देश और ‘क्षेत्र के स्वतंत्र राष्ट्र’ अमेरिका से इसका बदला लेंगे. राष्ट्रपति हसन रुहानी ने ईरान के सहयोगी देशों का हवाला देते हुए कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि ईरान और क्षेत्र के अन्य तीन देश अमेरिका से इस क्रूर अपराध का बदला लेंगे. आक्रमणकारी अमेरिका द्वारा सुलेमानी की शहादत से ईरान समेत क्षेत्र के सभी देशों का दिल आहत है.

असर
कच्चे तेल के दाम में चार प्रतिशत से ज्यादा की तेजी : सुलेमानी की मौत के बाद शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमतों में चार प्रतिशत से अधिक की तेजी दर्ज की गयी.

गिरा शेयर बाजार : सेंसेक्स 162 अंक यानी 0.39 फीसदी की गिरावट के साथ 41,465 के स्तर पर बंद हुआ.

अमेरिका ने एमक्यू-9 ड्रोन से किया हमला
जनरल कासिम सीरिया से गुरुवार रात ही बगदाद एयरपोर्ट पहुंचे थे. उनके समर्थक शिया संगठन के अधिकारी उन्हें विमान के पास ही लेने पहुंच गये. एक कार में जनरल कासिम और दूसरी में शिया सेना के प्रमुख मुहंदिस बैठे. जैसे ही दोनों की कार एयरपोर्ट से बाहर निकली, वैसे ही रात के अंधेरे में अमेरिकी एमक्यू-9 ड्रोन ने उन पर मिसाइल दाग दी.


पश्चिम एशिया में अमेरिका तीन हजार सैनिक और भेज रहा है

अमेरिका के हमले में एक ईरानी जनरल के मारे जाने के बाद उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर पश्चिम एशिया में वाशिंगटन तीन हजार सैनिक और भेज रहा है. रक्षा अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. हालांकि पेंटागन से अभी घोषणा होनी बाकी है. अधिकारियों के अनुसार ये सैनिक उत्तरी कैरोलिना के फोर्ट ब्रैग की 82वीं एयरबोर्न डिवीजन से हैं. ये सैनिक 82वीं एयरबोर्न डिवीजन के उन करीब 700 सैनिकों के अतिरिक्त होंगे जिन्हें ईरान समर्थित मिलिशिया के लोगों और उनके समर्थकों द्वारा बगदाग में अमेरिकी दूतावास पर हमला करने के बाद इस सप्ताह के प्रारंभ में कुवैत में तैनात किया गया था. अतिरिक्त सैनिकों को भेज जाना ईरान के क्वाड्स फोर्स के कमांडर कासिम सोलेमानी के मारे जाने के बाद उसकी (ईरान की) बदले की कार्रवाई करने की संभावना को लेकर चिंता को दर्शाता है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ही ईरान के क्वाड्स फोर्स के कमांडर कासिम सोलेमानी पर हमले का आदेश दिया था. इस सप्ताह सैनिकों की तैनाती से पहले ट्रंप प्रशासन ने मई से 14 हजार अतिरिक्त सैनिकों को पश्चिम एशिया भेजा है. मई में ट्रंप प्रशासन ने सार्वजनिक रूप से दावा किया था कि ईरान अमेरिकी हितों पर हमले की योजना बना रहा है.

सुलेमानी के मारे जाने के बाद इराक छोड़ रहे तेल क्षेत्र में काम करने वाले अमेरिकी लोग

इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के शीर्ष कमांडर के मारे जाने का असर तेल क्षेत्र में काम कर रहे अमेरिका के नागरिकों पर भी पड़ा है, जिन्होंने शुक्रवार से इराक छोड़ना शुरू कर दिया. तेल मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी. अमेरिकी हवाई हमले में इराक के एक कमांडर की भी मौत हुई है. इराक के तेल मंत्रालय के प्रवक्ता असीम जिहाद ने कहा कि कई अमेरिकी नागरिक शुक्रवार को देश छोड़ चुके हैं और कई अन्य छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे इराक के तेल उत्पादन पर ‘कोई प्रभाव नहीं’ पड़ा है. अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर हालिया कुछ महीनों के दौरान बड़ी संख्या में अमेरिकी तेल कर्मी इराक छोड़ चुके हैं.

बढ़ा तनाव

अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने कहा कि विदेश में अमेरिकी नागरिकों की रक्षा को लेकर किये गये ड्रोन हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के शक्तिशाली कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी मारे गए हैं. अमेरिका के इस कदम से दोनो कट्टर प्रतिद्वंद्वियों के बीच खाड़ी क्षेत्र में तनाव नाटकीय रूप से बढ़ गया है. वहीं पहले से ही अशांत फारस खाड़ी क्षेत्र में तनाव में इजाफा हुआ है. जनरल सुलेमानी ईरान के अल-कुद्स बल के प्रमुख और इसके क्षेत्रीय सुरक्षा उपकरण समूहों के रचयिता थे. शुक्रवार को बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा से रवाना हुए उनके काफिले पर किये गये अमेरिकी ड्रोन हमले में वह मारे गये. हमले में ईरान के शक्तिशाली हशद अल-शाबी अर्द्धसैनिक बल के उप प्रमुख और कुछ अन्य ईरान समर्थित स्थानीय मिलिशिया भी मारे गये. जनरल सुलेमानी (62) को अयातुल्ला खामेनी के बाद ईरान में सबसे ताकतवर माना जाता था. उनका कुद्स फोर्स ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की एक इकाई था जो सीधे-सीधे अयातुल्ला को रिपोर्ट करता है और उन्हें देश के नायक के तौर पर सराहा जाता है. पेंटागन ने इराक में सुलेमानी की मौत की पुष्टि की और कहा कि यह हमला ट्रंप के निर्देश पर किया गया था.

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