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बजरंग भगत के घरवालों का दावा, पति के वियोग में बहू ने दे दी जान, मायके वालों का आरोप, बेटी को मार कर फेंका
चान्हो : सेना के मृत जवान बजरंग भगत की पत्नी मनीता उरांव की मौत को लेकर ससुराल पक्ष व मायके वालों का अलग-अलग दावा है. ससुराल पक्ष के लोगों का कहना है कि मनीता ने पति का शव देखने के बाद वियोग में कुएं में छलांग लगाकर जान दी है. वहीं उसके मायके वालों का […]
चान्हो : सेना के मृत जवान बजरंग भगत की पत्नी मनीता उरांव की मौत को लेकर ससुराल पक्ष व मायके वालों का अलग-अलग दावा है. ससुराल पक्ष के लोगों का कहना है कि मनीता ने पति का शव देखने के बाद वियोग में कुएं में छलांग लगाकर जान दी है.
वहीं उसके मायके वालों का आरोप था कि ससुराल के लोग पहले भी उसे बच्चा नहीं होने को लेकर प्रताड़ित करते थे और उन्होंने सोची-समझी साजिश के तहत मनीता उरांव की हत्या की है और कुएं में डालकर उसे आत्महत्या का रूप देने का प्रयास कर रहे हैं. चान्हो पुलिस द्वारा मनीता उरांव के शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स ले जाये जाने के बाद उसके मायके वालों ने बजरंग भगत के घर के समक्ष हंगामा भी किया.
पोस्टमार्टम के बाद शव लाये जाने के बाद मनीता उरांव के मायके वाले ससुराल वालों पर कार्रवाई नहीं होने तक शव उठाने देने के लिए तैयार नहीं थे. बाद में पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई का आश्वासन देने के बाद बजरंग भगत के साथ ही उसकी अंतिम यात्रा निकाली गयी.मनीता उरांव की मौत को लेकर उसकी छोटी बहन श्रद्धा उरांव की ओर से चान्हो थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
श्रद्धा उरांव बजरंग भगत की मौत की सूचना मिलने के बाद 30 दिसंबर से ही बहेरा टोली में अपनी बहन के साथ थी. उसने प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि उसकी बहन को बजरंग भगत की मौत के बाद भी घर में उसकी सास शनिचरिया देवी, उसकी जेठ सास कुंवारी उरांव व उसके पति विश्वा उरांव ने तरह-तरह का ताना देकर प्रताड़ित किया था. यही लोग उसे मिलकर पहले भी शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते रहे हैं और एक साजिश के तहत मिल-जुल कर उसकी हत्या कर शव कुएं में डाल दिया है.
विधायक बंधु तिर्की भी पहुंचे: करकट बहेरा टोली में सेना के जवान बजरंग भगत व उनकी पत्नी मनीता उरांव की मौत की जानकारी मिलने पर विधायक बंधु तिर्की भी गांव पहुंचे. भारी बारिश के बीच दोनों की अंतिम यात्रा में मांडर विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी सन्नी टोप्पो, झाविमो नेता नसीम अंसारी, मुखिया मंगरू भगत सहित आसपास के जनप्रतिनिधि व बड़ी संख्या में लोग शामिल थे.
मनीता के मायके वालों का आरोप
बेटी को मार कर कुएं में फेंक दिया
करकट बहेरा टोली में दो मौत से मातम
करकट बहेरा टोली में सेना के जवान बजरंग भगत व उसकी पत्नी मनीता उरांव की मौत को लेकर मातम का माहौल है. परिजनों के साथ गांव के लोग भी गमगीन हैं.
अपने जवान बेटे व बहू की मौत से दुखी बजरंग भगत की मां 60 वर्षीय शनिचरिया उरांइन के आंसू थम नहीं रहे थे. उसने बताया कि करीब 26 वर्ष पूर्व अपने पति रोपना भगत को खोया था. उसके बाद उसके ऊपर छह बच्चों के लालन-पालन की जिम्मेवारी आ गयी थी. तब बजरंग भगत मात्र ढाई साल का था.
काफी मशक्कत से पत्थर खदान व ईंट भट्ठा में मजदूरी कर उन्होंने अपने बच्चों को पाला था और उनकी शादी करायी थी. बजरंग भगत की जब सेना में नौकरी लगी, तो कुछ दिन बाद उसने घर की जिम्मेवारी उठा ली थी. तब वह निश्चित हो गयी थी कि अब उसकी सारी परेशानी दूर हो गयी है. लेकिन ईश्वर को यह मंजूर नहीं था. महज 30 साल की उम्र में ही बेटे ने भी उसका साथ छोड़ दिया.
पांच बेटियां हैं, जिनकी शादी हो चुकी है. अब बुढ़ापे में उनका क्या होगा और किसके सहारे उसकी बाकी की जिंदगी कटेगी. उसकी भी चिंता उसे खाये जा रही है. बजरंग भगत की बहनें चुमानी उरांव, चमारी उरांव, विमला उरांव, कुमारी उरांव व मालती उरांव का भी रो-रोकर बुरा हाल था. कुमारी उरांव के अनुसार 29 दिसंबर को मौत से पहले बजरंग भगत ने उसके अलावा घर के अन्य सदस्यों के साथ बात की थी. तब उन्हें अंदेशा नहीं था का यह उससे उनकी आखिरी बातचीत है. इसके बाद दूसरे दिन ही 30 दिसंबर की खबर मिली कि ड्यूटी के दौरान गिरने से बजरंग भगत की मौत हो गयी है.
बेटी की मौत के पीछे ससुराल वालों की साजिश : कुशल
दामाद बजरंग भगत व बेटी मनीता की मौत की खबर सुन कर सपरिवार गांव आये मनीता उरांव के पिता कुशल उरांव व माता गूंजी उरांव की भी आंखें नम थी.
उनका पूरा परिवार मानने को तैयार नहीं था कि मनीता उरांव ने कुएं में कूद कर जान दी है. उनका कहना था कि उनकी बेटी ग्रेजुएट थी और काफी सुलझी हुई लड़की थी. 30 दिसंबर की जब सूचना मिली कि ड्यूटी के दौरान बजरंग भगत की मौत हो गयी है, तब से वह अपने पति के पार्थिव शरीर के इंतजार व उसकी एक झलक पाने के लिए एक-एक पल काट रही थी.
एक जनवरी की रात जब बजरंग भगत का पार्थिव शरीर घर लाया गया, तो उसने पति का चेहरा देखे बगैर ही कुएं में कूदकर अपनी जान दे दी, ऐसा हो ही नहीं सकता है. बिहार पुलिस से सेवानिवृत्त कुशल उरांव का आरोप था कि उनकी बेटी को शादी के ढाई साल बाद भी बच्चा नहीं होने को लेकर प्रताड़ित किया जाता था. जिसको लेकर गांव में दो बार बैठक भी हुई थी. उनका कहना था कि उनकी बेटी की मौत के पीछे ससुराल के लोगों की ही साजिश है.
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