खरसावां : भारत सरकार के आदिवासी मामलों के कैबिनेट मंत्री अर्जुन मुंडा ने खरसावां शहीद बेदी पर फूल चढ़ा कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. शहीद बेदी पर पारंपरिक रूप से तेल भी डाला.
श्रद्धांजलि देने के पश्चात पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सीएए को लेकर देश के किसी भी नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है. इससे किसी जाति संप्रदाय या धर्म का अहित नहीं होने वाला है. वैसे लोग जो अफगानिस्तान, पाकिस्तान या बंग्लादेश से आये हुए हैं और यहां रहने के बावजूद उन्हें नागरिकता नहीं मिली थी, इस बिल के माध्यम से औपचारिकता पूरी करने के पश्चात नागरिकता प्राप्त होगी.
नागरिकता कानून पर कुछ लोग भ्रम फैला कर समाज को बांटने कीकोशिश कर रहे हैं. नागरिकता कानून पर बिना वजह सवाल खड़ा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सीएए और एनपीआर दोनों अलग है. एनपीआर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के समय शुरू किया गया था.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि इस वर्ष उनका मंत्रालय आदिवासी बच्चों के लिए देश में 461 एकलव्य विद्यालय खोलेगा. इसमें पढ़ाई के साथ-साथ खेल की भी व्यवस्था होगी. स्कूल पूरी तरह से हाईटेक होगा. पूर्व के 70 वर्षों में सिर्फ ढाई सौ विद्यालय खोले गये थे.
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी आदिवासियों के लिए केंद्र सरकार कार्य कर रही है. आदिवासी छात्रों को उच्च शिक्षा हेतु राशि की व्यवस्था की जाएगी. अर्जुन मुंडा ने कहा कि उनके मंत्रालय से दी जाने वाली राशि से फिलहाल 4700 बच्चे पीएचडी की शिक्षा हासिल कर रहे हैं. फिलहाल सभी एसटी छात्रों को उनके खाते में ऑनलाइन छात्रवृत्ति भेजी जायेगी.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि केंद्र की जनजातीय मंत्रालय रोजगार उन्मुखीकरण पर भी कार्य किया जाएगा. इसके तहत खरसावां-कुचाई क्षेत्र में तसर उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा. केंद्र सरकार का इस पर पूरा फोकस है. उन्होंने कहा कि वनाधिकार कानून के साथ साथ संवैधानिक अधिकारों के प्रति गांव के मुखिया-ग्राम प्रधानों को भी जागरूक किया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि खरसावां का शहीद स्थल अब प्रेरणा स्थल व शक्ति स्थल बन गया है. मुंडा ने कहा कि शहीद स्थलपर श्रद्धांजलि देकर जनहित में कार्य करने की प्रेरणा मिलती है. श्रद्धांजलि हृदय से होती है, दिखावे में नहीं. शहीद स्थल की पवित्रता बनी रहे, इसके अनुरूप कार्य करना है. यह संकल्प लेने की आवश्यकता है कि जनजातीय क्षेत्र में रहनेवाले लोगों के बेहतर भविष्य के लिए सही रूप से रेखांकित कर सके. यह स्थल श्रद्धा व आस्था का केंद्र है.
श्रद्धांजलि देनेवालों में मुख्य रूप से पूर्व विधायक साधुचरण महतो, लक्ष्मण टुडू, जवाहर बानरा, मंगल सोय, पुतकर हेंब्रम, जिलाध्यक्ष उदय सिंहदेव, सांसद प्रतिनिधि प्रदीप सिंहदेव, विजय महतो, प्रताप कटियार, डुमू गोप, सत्येंद्र कुम्हार, दुलाल स्वांसी, लखी राम मुंडा, ज्ञानी साहू, जमशेदपुर के रतन महतो, विनोद सिंह आदि शामिल थे.