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पटना स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में सर्वाधिक वोटर
शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में दरभंगा में सर्वाधिक, तो तिरहुत में कम मतदाता पटना. विप की आठ निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची का प्रकाशन सोमवार को किया गया. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार चार स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों में कुल तीन लाख, 97,110 मतदाता हैं. इसमें पटना स्नातक निर्वाचन […]
शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में दरभंगा में सर्वाधिक, तो तिरहुत में कम मतदाता
पटना. विप की आठ निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची का प्रकाशन सोमवार को किया गया. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार चार स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों में कुल तीन लाख, 97,110 मतदाता हैं. इसमें पटना स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में सर्वाधिक एक लाख, 18,747 मतदाता हैं. राज्य की चार शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों की जारी नयी मतदाता सूची में कुल मतदाताओं की संख्या 40,662 है.
जारी आंकड़ों के अनुसार स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों में पटना स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में कुल एक लाख, 18,747 मतदाता हैं. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 90,178 है जबकि, महिला मतदाताओं की संख्या 28,556 है. यहां अन्य मतदाताओं की संख्या सिर्फ चार है. इसी तरह से तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में कुल 86,908 है जिसमें पुरुष मतदाता 62,579 है जबकि, महिला मतदाता 24,322 है. यहां अन्य मतदाताओं की संख्या सिर्फ सात है.
दरभंगा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतदाता 90,003 हैं. यहां पर पुरुष मतदाताओं की संख्या 67,963 है जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 22,105 है. यहां पर अन्य मतदाताओं की संख्या 25 है. कोसी स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या एक लाख,1,362 है जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 78,192 जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 23,162 है. यहां अन्य मतदाताओं की संख्या नौ है.
शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों में कुल मतदाताओं की संख्या 40,662 है. पटना शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में कुल 9,923 है जिसमें पुरुष मतदाता 7,039 जबकि महिला मतदाता 2,830 है. यहां अन्य मतदाता एक है. सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 10,351 है.
पटना : नये साल में राज्य के लोगों को कई नयी सड़कों व पुलों की सौगात मिलेगी. इसमें बिहटा-सरमेरा सड़क, पटना में आर ब्लॉक-दीघा सड़क, कोइलवर का नया पुल, महात्मा गांधी सेतु का पश्चिमी लेन, सत्तार घाट का पुल शामिल हैं. वहीं कई महत्वपूर्ण सड़कों व पुलों को बनाने का काम भी शुरू होगा. इसमें महात्मा गांधी सेतु, विक्रमशिला सेतु के समानांतर पुल व मीठापुर से महुली के बीच नये पुल का निर्माण कार्य शुरू होगा.
इन सबसे राज्य के लोगों को बेहतर यातायात सुविधाएं मिल सकेंगी. राज्य में करीब 100 किमी लंबी एसएच-78 बिहटा-सरमेरा सड़क का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. यह वर्ष 2015 से बनना शुरू हुआ था और इसे अगस्त, 2020 तक बनकर तैयार होना है. वहीं, सोन नदी पर कोइलवर पुल के समानांतर नये छह लेन के पुल पर अप्रैल, 2020 से आवागमन शुरू होने की संभावना है.
गंडक नदी पर चकिया-केसरिया-सत्तार घाट पुल पर भी अगले महीने आवागमन शुरू होने की संभावना है. इसे बनाने की शुरुआत 20 अक्तूबर, 2012 को हुई थी. इसे पूरा करने की समय सीमा 19 अप्रैल, 2016 थी. लेकिन इसमें भूमि अधिग्रहण की समस्या की वजह से विलंब हुआ है. इसमें करीब 8,060 मीटर लंबा एप्रोच रोड है.
4 वर्षों में बनाने का लक्ष्य
गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के समानांतर नये फोर लेन पुल को बनाने के लिए एजेंसी के चयन की प्रक्रिया जनवरी, 2020 में पूरी हो जायेगी.
इसे चार साल में बनाने का लक्ष्य है. इसके बनने से वर्तमान एमजी सेतु पर वाहनों का दबाव कम होगा. वहीं भागलपुर में गंगा नदी पर विक्रमशिला सेतु के समानांतर भी करीब 4700 मीटर लंबे नये फोर लेन पुल को बनाने के लिए एजेंसी का चयन कर 2020 में निर्माण प्रक्रिया शुरू होगी. इस पुल के बनने से पुराने विक्रमशिला सेतु पर वाहनों का दबाव कम होगा. मीठापुर से महुली हाल्ट तक करीब 4.5 किमी नये एलिवेटेड फोरलेन सड़क बनाने का काम मार्च, 2020 तक शुरू हो जायेगा.
फिलहाल कागजी प्रक्रिया अंतिम चरण में है, इसके बाद टेंडर के माध्यम से सड़क बनाने वाली एजेंसी का चयन किया जायेगा. यह सड़क पटना-गया रेल लाइन के पूरब से उसके समानांतर गुजरेगी. मीठापुर बस स्टैंड से शुरू होकर यह सड़क कृषि फार्म और सिपारा गुमटी होते हुए महुली हाल्ट रेलवे स्टेशन के पास पटना-गया-डोभी सड़क (एनएच 83) में मिल जायेगी. पटना बाइपास को यह सड़क फ्लाइओवर के पास से क्रॉस करेगी.
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