जैसे-जैसे समय का पहिया घूम रहा है, मानव सभ्यता भी नयी-नयी ऊंचाइयों को छू रही है. आज 2020 का पहला दिन है. ऐसे में यह जिज्ञासा स्वाभाविक है कि इसे नये साल में इंसान ने अपने लिए किन नयी चुनौतियों और लक्ष्यों को रखा है.
चांद को कब का छू चुका इंसान अब सूरज से साक्षात्कार करना चाहता है. विज्ञान और तकनीकी जगत से इस साल बहुत-सी हैरतअंगेज खबरें मिलने की उम्मीदें हैं. इसके अलावा भी हमारे जीवन-जगत में कई बड़े बदलावों की संभावनाएं दिख रही हैं. आशा है कि 2020 हमारे जीवन स्तर को बेहतर बनायेगा और मानव सभ्यता के इतिहास में कुछ और सुनहरे पन्ने जोड़ेगा.
नये साल में अंतरिक्ष कई महत्वपूर्ण मिशनों का गवाह बनने वाला है. एक ओर इसरो जहां सूरज तक पहुंचने के लिए आदित्य मिशन लॉन्च करने की तैयारियों में जुटा है, वहीं नासा के वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर अपना रोवर भेज कर लाल ग्रह पर प्राचीन जीवन के सबूत तलाशेगा.
नये साल में धरती ही नहीं, धरती के बाहर भी दूरियां घट जायेंगी. जापान चांद पर रोबोट की मदद से बना रोबोटिक स्टेशन पेश करेगा, तो स्पेस एक्स जैसी कंपनियां चांद को टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की दिशा में दिन-रात एक कर रही हैं. जल्द ही चांद और दूसरे ग्रहों के लिए व्यवसायिक उड़ान शुरू होने की संभावना है.
इसरो ने तय किया लक्ष्य
2020 में सूरज पर है नजर मिशन गगनयान की टेस्टिंग
इसरो ने 2020 में दर्जनों सेटेलाइट मिशन लॉन्च करने के साथ ही अंतरग्रहीय मिशन आदित्य के साथ ही मिशन गगनयान के लिए टेस्ट फ्लाइट लॉन्च करने की योजना बनायी है. मिशन गगनयान के लिए टेस्ट फ्लाइट का फिलहाल नाम तय नहीं किया गया है. 10 सेटेलाइट मिशन लॉन्च किये जायेंगे. इनमें एडवांस्ड कम्युनिकेशन सेटेलाइट और पृथ्वी का निरीक्षण करनेवाले रीसैट व सर्विलांस के लिए माइक्रोसैट शामिल हैं.
अंतरिक्ष में मनेगा पिकनिक
चांद और दूसरे ग्रहों की लिए शुरू होगी व्यवसायिक उड़ान
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आइएसएस) तक पहली व्यवसायिक अंतरिक्ष यान उड़ान के प्रायोगिक परीक्षण की तारीख घोषित कर दी है. विशेषज्ञों का कहना है कि मिशन के तहत एक वाहन का परीक्षण किया जाएगा जो सामान और फिर चालक दल को कक्षा में ले जायेगा. यह निजी अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
तकनीक का होगा प्रदर्शन
कार जो खुद से होंगी ड्राइव गूगल और यूएस का प्रयास
तमाम वैज्ञानिक खोजों के बीच नये साल में नयी टेक्नोलॉजी वाली ड्राइवरलेस कार लोगों को अपनी ओर आकर्षित करेगी. गूगल और अमेरिकी डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी के संयुक्त प्रयास से बन रही यह कार वॉयस कमांड से लैस होगी. कार में रोडमैप के साथ अलग-अलग रास्तों और रुकने की जगहों के बारे में भी जानकारी मिलेगी. इसमें एआइ के साथ 5जी कनेक्टिविटी भी मिलेगी.
अंतरिक्ष में कदम : चांद पर रोबोटिक कैंप की तैयारी में जापान
जापान चांद पर अपने बेस को स्थापित करने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है. माना जा रहा है कि 2020 तक जापान अपने इस काम को सफलतापूर्वक अंजाम दे देगा. रोबोट की सहायता से चांद पर बन रहा यह कैंप भविष्य में एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन साबित हो सकता है. प्रोजेक्ट हेड माइक लिबोल्ड काम थोड़ा कठिन है, पर रोमांच के आगे यह फीका है.
जूनून आसमान में उड़ने का दिखेगी फ्लाइंग कार की उड़ान 12,500 फीट पर उड़ने में सक्षम
साइंस फिक्शन मूवी ब्लेड रनर 1982 में आयी थी और इसमें पूर्वानुमान दिया गया था कि 2019 में लोग अमेरिका के लॉस एंजिलिस शहर में फ्लाइंग कारों में उड़ रहे होंगे. अब यह कल्पना 2020 में सच साबित होने जा रही है. कार का नाम पर्सनल एयर लैंडिंग व्हीकल या पाल-वी रखा गया है. गाड़ी में ऊपर की तरफ रिअर प्रोपेलर लगे हैं. इन प्रोपेलर की मदद से यह कार 12,500 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकती है.
पुराना हुआ एलसीडी और एलइडी
आया अल्ट्रा-थिन ओएलइडी का जमाना
कुछ दिनों पहले तक चर्चा में रहने वाली एलसीडी और एलइडी डिस्प्ले पुरानी हो चली है. जमाना आ गया है अल्ट्रा-थिन ओएलइडी का. 25 माइक्रोन की न्यूनतम मोटाई के साथ अल्ट्रा पतली कांच मानव बालों की तुलना में भी पतला है. जब मोटाई 150 माइक्रोन से कम है, तो ग्लास लचीला और स्थिर साबित हुआ है. आकार की लचीलेपन के कारण, कांच को रोल में रोल किया जा सकता है.
पुराना हुआ एलसीडी और एलइडी
आया अल्ट्रा-थिन ओएलइडी का जमाना
कुछ दिनों पहले तक चर्चा में रहने वाली एलसीडी और एलइडी डिस्प्ले पुरानी हो चली है. जमाना आ गया है अल्ट्रा-थिन ओएलइडी का. 25 माइक्रोन की न्यूनतम मोटाई के साथ अल्ट्रा पतली कांच मानव बालों की तुलना में भी पतला है. जब मोटाई 150 माइक्रोन से कम है, तो ग्लास लचीला और स्थिर साबित हुआ है. आकार की लचीलेपन के कारण, कांच को रोल में रोल किया जा सकता है.
जीरो एनर्जी पर फोकस
न्यूनतम ऊर्जा खपत करने वाले कंप्यूटर चिप्स आयेंगे
2012 में इंटेल ने एक ऐसे सर्वव्यापी कंप्यूटिंग की भविष्यवाणी की जो 2020 तक लगभग शून्य ऊर्जा की खपत करेगा. वह समय लगभग आ भी चुका है, लेकिन फिलहाल अभी भी फोन को प्रतिदिन चार्ज करने की जरूरत पड़ती है टॉप कंप्यूटर चिप में गिने जाने वाले आइ9 इंटेल को 165 वाट ऊर्जा की जरूरत पड़ती है. यह 65 इंच टेलीविजन का करीब दोगुना है.
चरम पर है विज्ञान
ब्लू ब्रेन प्रोजेक्ट, लैब में बनने लगेंगे दिमाग
इंटेल के दिमाग में माइक्रोचिप लगा कर चीजों को कंट्रोल करने की कोशिशों के बीच स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिकों ने अपने ‘ब्लू ब्रेन प्रोजेक्ट’ के द्वारा लैब में ही दिमाग विकसित करने की ठान ली है. वैज्ञानिकों का मानना है कि एक्सीडेंट में ब्रेन डेड होने की स्थिति में लैब में बने कृत्रिम दिमाग का इस्तेमाल मनुष्य को एकबार फिर से जीवन देने में किया जा सकेगा.
नियंत्रण की तैयारी
दिमाग में लगा माइक्रोचिप करेगा डिवाइसेज कंट्रोल
1997 में आयी फिल्म ‘मेन इन ब्लैक’ में हमने देखा था कि लोग दिमाग से ही अपने आसपास की चीजों को कंट्रोल कर रहे हैं. अब, वास्तव में ऐसा संभव है. आइटी कंपनी इंटेल के मुताबिक, कम्युनिकेशन दो तरीके से संभव है- केमिकल और इलेक्ट्रिकल. इसके लिए कंपनी मनुष्य के दिमाग में एक माइक्राचिप लगाने की तैयारी में है. चिप से आप अपने आसपास की चीजों को नियंत्रित कर पायेंगे.