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ठेका के छह माह बाद भी न रनवे बना, न ही सुरक्षा व्यवस्था सुधरी

भागलपुर : तकरीबन 90 लाख से बन रहे हवाई अड्डा रनवे का काम ठप है. रेनवे निर्माण के नाम पर केवल छह माह अंदर केवल टूटी चहारदीवारी को चार जगहों पर जोड़ा गया है. दरअसल, भवन निर्माण विभाग के ठेकेदार प्रेम की वजह से रनवे का निर्माण फंसा है और अब इसकी कार्यावधि भी पूरी […]

भागलपुर : तकरीबन 90 लाख से बन रहे हवाई अड्डा रनवे का काम ठप है. रेनवे निर्माण के नाम पर केवल छह माह अंदर केवल टूटी चहारदीवारी को चार जगहों पर जोड़ा गया है. दरअसल, भवन निर्माण विभाग के ठेकेदार प्रेम की वजह से रनवे का निर्माण फंसा है और अब इसकी कार्यावधि भी पूरी हो रही है.

रनवे का निर्माण तो हो नहीं सका है. इसके अप्रोच सड़क भी नहीं बन सकी है. 3600 फीट लंबे और 100 फीट चौड़े रन-वे का निर्माण होना है. मुख्य द्वार से रन-वे तक पहुंचने के लिए सात मीटर चौड़ी सड़क भी बननी है. अभी सड़क की चौड़ाई करीब 3.5 मीटर है.
जहाज की जगह फर्राटे भर रही कार, तो पार्क के रूप में हो रहा इस्तेमाल : रनवे को कोई पार्क के रूप में इस्मेमाल कर रहे हैं, तो कोई खेल का मैदान के रूप में. वहीं, जहाज की जगह कार फर्राटा भरने लगी है.
लोगों के लिए ड्राइविंग सीखने का बढ़िया साधन भी बन गया है. प्रशासनिक अधिकारी मूकदर्शक बनी हुई है. सुरक्षा व्यवस्था में तैनात जवान भी इसे नजरअंदाज कर दिया है. इसका फायदा स्थानीय लोग भी उठाना शुरू कर दिया है. भैसों का चारागाह बना दिया गया है. मंगलवार को 100 से ज्यादा भैंस हवाइ अड्डा परिसर में घूम रहे थे.
स्थानीय लोगों के लिए हवाई अड्डा बना शार्टकट रास्ता : स्थानीय लोगों के लिए हवाई अड्डा शार्टकट रास्ता बन गया है. इसके लिए दक्षिणी छोर की चहारदीवारी तोड़ दी गयी है. इससे होकर जीरोमाइल चौक आना-जाना हो रहा है. वहीं, माल ढुलाई का काम भी लोग हवाई अड्डा होकर ही करने लगे हैं.
कूड़े-कचरे का लगा है ढेर : हवाई अड्डा के दक्षिणी छोर में चहारदीवारी से सटे कूढ़े-कचरे का ढेर लगा है. दरअसल, चहारदीवारी से सटे जिन लोगों का घर-मकान बना है, उनके द्वारा निरंतर कचरा फेंका जा रहा है.
पहले टेंडर के पेच में फंसा रहा और अभी काम नहीं होने से : हवाई अड्डा के रनवे का निर्माण पहले टेंडर के पेच में फंसा रहा. अभी पिछले छह माह से काम नहीं होने से यह फंसा है. साल 2018 के नवंबर से अप्रैल 2019 तक टेंडर का निकला और रद्द होने का सिलसिला जारी रहा. मई के बाद से ठेकेदार काम नहीं कर रहा है और विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है. साल 2014 में रनवे निर्माण पर 1.33 करोड़ खर्च हुए थे.
हवाई अड्डा के रनवे निर्माण का काम बंद रहने की जानकारी कार्यपालक अभियंता से ली जायेगी. उनसे पूछ जायेगा कि कांट्रैक्टर से काम क्यों नहीं लिया जा रहा है. स्वीकृत योजना है और जब काम एक बार शुरू हो गया, तो बंद नहीं होना चाहिए था.
राकेश कुमार, चीफ इंजीनियर (साउथ) भवन निर्माण विभाग, पटना

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