7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची : 4.7 करोड़ की धोखाधड़ी में तीन आरोपी गिरफ्तार, 2.4 करोड़ मिले

रांची : एसबीआइ और यूबीआइ के एटीएम में पैसा डालने के बजाय चार करोड़ सात लाख 53 हजार रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोपी बिपिन कुमार उर्फ गणेश ठाकुर, सुरेश कुमार महतो और राजेश कुमार महतो को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. बिपिन की गिरफ्तारी दिल्ली से हुई है, जबकि सुरेश और राजेश […]

रांची : एसबीआइ और यूबीआइ के एटीएम में पैसा डालने के बजाय चार करोड़ सात लाख 53 हजार रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोपी बिपिन कुमार उर्फ गणेश ठाकुर, सुरेश कुमार महतो और राजेश कुमार महतो को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. बिपिन की गिरफ्तारी दिल्ली से हुई है, जबकि सुरेश और राजेश को पटना के पाटलीपुत्र थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है.
बिपिन एसआइएस का कर्मी है और वही घटना का मास्टरमाइंड है. पुलिस ने उसके पास से करीब दो करोड़ रुपये, पांच मोबाइल फोन, घड़ी, चार एटीएम कार्ड और फर्जी आधार कार्ड बरामद किये हैं. घटना को अंजाम देने के बाद वह अपना हिस्सा लेकर दिल्ली चला गया था. वहीं, पटना से गिरफ्तार सुरेश व राजेश से करीब 42 लाख 53 हजार रुपये बरामद किये गये हैं.
धोखाधड़ी के लिए बिपिन ने रखा फर्जी नाम : जानकारी के मुताबिक, पुलिस की जांच में प्राथमिकी अभियुक्त शिवम और गणेश का नाम भी फर्जी पाया गया. गणेश का मूल नाम बिपिन है. वह मधेपुरा का रहनेवाला है.
उसने घटना को अंजाम देने के लिए ही अपना नाम बदल कर गणेश रख लिया था. फिलहाल पुलिस तीनों आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर रांची आ रही है. बताया जाता है कि बिपिन के पास तकनीकी जानकारी थी और उसने सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ कर घटना को अंजाम दिया था. पटना से गिरफ्तार दोनों आरोपियों ने बताया कि उन लोगों ने कई लोगों से कर्ज लिया था, जिसे चुकाने के लिए घटना को अंजाम दिया. दोनों ने लाखों रुपये कर्ज चुकाने में भी खर्च किये.
फोन नहीं उठाने पर कंपनी को हुआ था शक : मालूम हो कि एसआइएस कैश मैनेजमेंट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के असिस्टेंट मैनेजर कंचन ओझा की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. उन्होंने रुपये गबन करने का आरोप कंपनी के कर्मी सुपौल निवासी गणेश ठाकुर और समस्तीपुर निवासी शिवम कुमार लगाया था.
कंपनी ने रुपये के कस्टोडियन गणेश कुमार ठाकुर और शिवम को रूट नंबर 106 के 20 एटीएम में पैसा डालने के लिए नियुक्त किया था. लेकिन कंपनी के कॉल सेंटर से जब 15 दिसंबर को दोनों कर्मियों को फोन किया गया, तब उनका फोन बंद मिला. इसके बाद रूट नंबर 106 के 17 एटीएम की जांच की गयी. इसमें चार करोड़ सात लाख 53 हजार रुपये कम मिले.
एसआइटी काे मिली सफलता
मामले की जांच और गिरफ्तारी के लिए डीआइजी एवी होमकर और एसएसपी अनीश गुप्ता ने सिटी एसपी के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया था. एसआइटी की टीम में साइबर सेल की डीएसपी यशोधरा को शामिल किया था. इसके बाद पुलिस की टीम बिहार के विभिन्न स्थानों पर लगातार छापेमारी करती रही. पुलिस को कंपनी की ओर से न तो आरोपियों के सही पते और न ही मोबाइल नंबर दिये गये थे. पुलिस ने तकनीकी शाखा के सहयोग से आरोपियों के बारे में जानकारी जुटा कर कार्रवाई की.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें